कानपुर:- दादानगर में फैक्ट्रीकर्मी की संदिग्ध हालात में मौत पर बवाल हो गया। भीड़ ने सचान चौराहे पर शव रखकर नारेबाजी शुरू कर दी। सड़क पर जाम लगाकर वाहन रोक दिए। लोगों की पुलिस से तीखी झड़प भी हुई। पुलिस वाले महिलाओं को धक्का देते हुए शव छीनने लगी तो हाथापाई होने लगी। किसी तरह पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज पाई।
बर्रा के भीमनगर का रहने वाला कमलेश कुमार (32) दादानगर स्थित फैक्ट्री में नौकरी करता था। मंगलवार देर शाम फैक्ट्री मालिक श्रवण अग्रवाल अपने दो कर्मचारियों के साथ एबुलेंस से उसके घर पहुंचे और बीमारी से कमलेश की मौत बताते हुए उसका शव परिजनों के सुपुर्द करने लगे। यह नजारा देख घरवाले भड़क गए और देखते ही देखते मोहल्ले की भीड़ भी आ गई। परिजनों ने कमलेश को जहरीला पदार्थ खिलाकर मार डालने का आरोप लगाया। देखते ही देखते भीड़ शव लेकर साकेत नगर शिवाजी रोड पर पहुंच गई और जाम लगा दिया। घंटों हंगामा होता रहा। मामला बढ़ता देख बर्रा, गोविंद नगर, किदवई नगर समेत आधा दर्जन थानों की फोर्स पहुंच गई। पुलिस ने परिवार के लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराने का काफी प्रयास किया था लेकिन लोग और भड़क उठे। इस दौरान फैक्ट्री के एक कर्मचारी को भागता देख भीड़ ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। पुलिस ने उसे छुड़ाने का प्रयास किया तो हाथापाई शुरू हो गई। इस दौरान कुछ प्रबुद्धजन पहुंचे और परिजनों से बातचीत कर उन्हें समझाया, जिसके बाद पत्नी ने श्रवण अग्रवाल और दो कर्मचारियों के खिलाफ पति की हत्या करने का आरोप लगा एफआईआर दर्ज कराई। उधर, बुधवार सुबह परिवार वाले मोहल्ले के लोगों के साथ बर्रा के सचान चौराहे पर पहुंचे और सड़क पर शव रखकर मुआवजे की मांग की। जाम की सूचना लगते ही फोर्स पहुंच गई और लोगों को हटाने का प्रयास करने लगी। महिलाओं से छीनाझपटी और हाथापाई होने लगी। उनका आरोप है कि पुलिस ने परिजनों से मारपीट और अभद्रता की थी। काफी देर झड़प होने के बाद पुलिस शव को कब्जे में ले पाई।
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