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गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

#कानपुर विकास प्राधिकरण की नई रीत:- पहले कराया कब्जा, फिर ढहाया।



कानपुर:- साकेत नगर में फतेहपुर के एक विधायक के दबाव में केडीए ने पहले कब्जा कराया फिर गलती सुधारते हुए बुधवार को ढहा भी दिया। कब्जा कराने में केडीए के लिपिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। केडीए के अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने प्लाट पर लगाए गए शेड गिरा दिए। प्लाट को केडीए ने अपने कब्जे में ले लिया। इसके अलावा कंजड़नपुरवा में भी अतिक्रमण विरोधी अभियन चलाया गया। विरोध के बीच सिर्फ दो कब्जे ढहाए जा सके। कई लोगों ने पट्टे के कागजात दिखाए, जिन्हें जांच के लिए टीम ले गई।

केडीए ओएसडी अंजूलता, अधिशासी अभियंता अतुल मिश्रा, तहसीलदार प्रदीप रमन, एसीएम प्रथम, सीओ भारी फोर्स के साथ बुधवार दोपहर डब्ल्यू वन ब्लॉक पहुंचे। यहां एक भूखंड पर आदर्श शिक्षा परिषद के कब्जे का बोर्ड लगा था। प्लाट पर टिन शेड लगाया गया था और अंदर ईंट से अवैध कब्जे थे। केडीए के प्रवर्तन दस्ते ने फोर्स की मौजूदगी में करीब दो घंटे मे जेसीबी की मदद से कब्जे ढहा दिए। इसके बाद जमीन अपने कब्जे में ले ली। विधायक फतेहपुर के हैं जिनकी पत्नी आदर्श शिक्षा परिषद नाम की समिति में अध्यक्ष बताई जा रही हैं।

समिति के नाम में गड़बड़ी


प्लॉट की कीमत करीब सवा दो करोड़ बबताई जा रही है। यह श्री आदर्श शिक्षा परिषद के नाम आवंटित था। भूखंड का विवाद हाईकोर्ट में चल रहा था जहां से फैसला श्री आदर्श शिक्षा परिषद के हक में आया। केडीए ने इस जमीन पर हुए अवैध कब्जे को हटाया लेकिन 26 दिसंबर को श्री की जगह आदर्श शिक्षा परिषद के नाम कब्जा दे दिया। आदर्श शिक्षा परिषद के नाम लेटर जारी करना केडीए से कोई चूक नहीं बल्कि, कुछ कर्मचारियों की करतूत थी। बताया जा रहा है कि श्री आदर्श शिक्षा परिषद का रजिस्ट्रेशन 1965 का है। जबकि आदर्श शिक्षा परिषद 2007 से रजिस्टर्ड है। केडीए ने 20 दिसंबर को श्री आदर्श शिक्षा परिषद के अध्यक्ष संजीव मिश्र को कब्जा कराने की जानकारी दी। छह दिन बाद 26 दिसंबर को केडीए कर्मचारियों ने नाम लगभग समान होने का फायदा उठाते हुए कब्जा कराने की नीयत से दूसरा कब्जा लेटर 26 दिसंबर को आदर्श शिक्षा परिषद के नाम जारी कर दिया। विधायक के दबाव में प्रशासनिक मशीनरी ने कब्जा भी दिला दिया।

भूखंड से कब्जा ढहा दिया गया है। भूखंड को केडीए ने अपने अधिकार में ले लिया है। कागजात की जांच-पड़ताल की जा रही है। दोनों समितियों को जो लड़ाई लड़नी है, आपस में लड़े। -के. विजयेंद्र पांडियन, केडीए वीसी

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