Latest News

गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

#आरटीओ डाल रहा वाहन स्वामी की जेब मे डाका।



कानपुर(वासिफ खान/अर्श खान):- भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना दिखाकर सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाली भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में संभागीय परिवहन कार्यालय में कदम-कदम पर भ्रष्टाचार/रिश्वतखोरी व्याप्त है उदाहरण तो कई है किंतु एक उदाहरण से आपको समझाने का प्रयास कर रहे हैं दरअसल लगभग तीन वर्षों से कमर्शियल वाहनों की फिटनेस पॉइंट(आर. आई.द्वारा वाहनों की चेकिंग) सर्वोदय नगर में आए दिन जाम लगने के कारण पनकी ट्रांसपोर्ट नगर में स्थानांतरित कर दिया गया था वहां पर प्रत्येक कार्य दिवस पर एक आर.आई वाहनों को चेक करने के लिये और एक चपरासी वाहन का चेसिस संख्या फॉर्म में उतारने के लिए ड्यूटी लगाई गई थी किंतु चपरासी पुष्पेंद्र द्वारा गुर्गे लगा कर चेसिस संख्या अवैध वसूली कर उतारे जाते हैं चपरासी पुष्पेंद्र द्वारा इन गुगों से मोटी रकम की उगाही की जाती है इसी चपरासी की अवैध वसूली की भरपाई करने के लिए वाहन स्वामी से 20-20 रुपये की अवैध वसूली कर वाहन स्वामी की जेब में डाका डाला जाता है वाहन स्वामी द्वारा न देने पर अक्शर गुर्गे मारपीट व गाली गलौज पर उतारू हो जाते हैं सबसे ज्यादा हास्यास्पद बात तो यह है कि यह सब वहां मौजूद अधिकारियों के आंखों के सामने होता है और अधिकारी मूकदर्शक बने रहते हैं ।

कितने वाहन प्रतिदिन आते हैं फिटनेस के लिए???


आरटीओ कार्यालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रतिदिन लगभग फिटनेस के लिए 80 से 100 कमर्शियल वाहन फिटनेस का प्रमाण पत्र लेने के लिए आवेदन करते हैं यदि एक दिन बीच में छुट्टी पड़ जाए तो यह संख्या 100 से 150 वाहनों की हो जाती है यदि ऑन एवरेज 100 वाहन की फिटनेस फॉर्म में नंबर प्रतिदिन उतारा जाता है तो प्रति फार्म 20 रुपये के हिसाब से प्रतिदिन 2000 रुपये की रिश्वत ली जाती है इसमें से चपरासी के गुर्गे को ₹500 दिए जाते हैं और 1500 रुपए प्रतिदिन ऊपरी कमाई चपरासी करता है हालांकि उक्त अधिकारी ने यह भी बताया कि चपरासी की इस ऊपरी कमाई में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों का भी हिस्सा रहता है ।

क्या कहते हैं नियम???


कमर्शियल वाहनों की फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए फिटनेस फॉर्म में विभाग द्वारा अधिकृत कर्मचारी द्वारा ही फिटनेस फॉर्म में चेसिस संख्या उतारा जाना चाहिए जिसका कोई भी शुल्क वाहन स्वामी से नहीं लिया जाना चाहिए किंतु विभाग के  कुछ अधिकारी व कर्मचारियों के संरक्षण के कारण वाहन स्वामी की जेब में डाका डाला जाता है ।

क्या कहते है ए.आर.टी.ओ.???


इस संबंध में सहायक परिवहन अधिकारी आदित्य त्रिपाठी का कहना है कि किसी भी वाहन स्वामी से यदि कोई अवैध वसूली की जाती है तो कार्यालय में लिखित शिकायत करें निश्चित तौर पर कार्यवाही की जाएगी ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


Created By :- KT Vision