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रविवार, 3 जून 2018

समाज के विकास में प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका,अधिवक्ता जितेंद्र प्रताप



कानपुर देहात: 3 जून 2018
समाज एक सम्पूर्ण शरीर है और हम सब उसके अंग अवयव हैं, जिस प्रकार शरीर का अस्तित्व अंगों के सहयोग पर निर्भर है, उसी प्रकार सम्पूर्ण शरीर की सहायता से अंग और अवयव भी स्वस्थ रहते हैं।यह बात सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह चौहान ने,  'समाज के विकास में प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका'  विषय पर  सिविल बार एसोसिएशन, जू.हा.स्कूल शिक्षक संघ ,प्रा.शि.संघ के जनपदीय ,मंडलीय एवं ब्लाक  इकाई सरवनखेड़ा एवम फत्तेपुर साधन सहकारी समिति के संयुक्त तत्वावधान में फत्तेपुर रोशनाई चौराहे में आयोजित आत्मचिंतन चौपाल में कही।जितेन्द्र चौहान ने कहा कि व्यक्ति का समाज के प्रति वही दायित्व है जो अंगों का सम्पूर्ण शरीर के प्रति,यदि शरीर के विविध अंग किसी प्रकार स्वार्थी अथवा आत्मास्तित्व तक ही सीमित हो जायें तो निश्चय ही सारे शरीर के लिए एक खतरा पैदा हो जाए।कहा कि समाज के साथ ही व्यक्ति और व्यक्ति द्वारा ही समाज का विकास सम्भव है अतः आज समय की माँग है कि समाज के प्रबुद्ध व्यक्ति एक या अनेक होकर समाज सुधार के किसी न किसी काम को लेकर आगे बढ़ें और दूसरों को इस ओर बढ़ने की प्रेरणा दें  एवम हर प्रबुद्ध व्यक्ति नव-निर्माण के  कार्यक्रमों में से अपने योग्य कोई भी एक अथवा अनेक कार्यक्रम चुन सकता है और उसे धार्मिक व सामाजिक कार्यकर्ता भावना के साथ अपने तथा समाज के कल्याण के लिए प्रसारित कर सकता है।चौपाल चर्चा के दौरान यह पूछे जाने पर कि प्रबुद्ध ब्यक्ति कौन के बारे में जितेन्द्र ने कहा कि ,वह हर भाग्यवान व्यक्ति अपने को प्रबुद्ध वर्ग का नैसर्गिक सदस्य समझे जिसकी अन्तरात्मा में परमात्मा ने देश धर्म के प्रति जागरूकता और मन मस्तिष्क में समाज की दयनीय दशा की पीड़ा पैदा की है,अतः अतः ऐसे में शिक्षक समाज की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि,शिक्षा व्यक्ति के दृष्टिकोण व उसके क्रियाकलापों में परिवर्तन कर समूह मन का निर्माण करती है इससे अत्यव्यवस्था दूर हो सामाजिक व्यवस्था का निर्माण होता है.प्राथमिक शिक्षक संघ सरवनखेड़ा संयोजक देवेन्द्र सिंह एंव सह सयोजक अतुल शुक्ला , जूनियर शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अशोक सिंह राजावत, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री  आनन्द मिश्रा ने जू.हा.स्कूल शिक्षक संघ ,प्रा.शि.संघ के जनपदीय ,मंडलीय एवं ब्लाक  इकाई सरवनखेड़ा के पदथिकारी एवं शिक्षक गण काआवाहन करते हुए कहा कि, एक शिक्षक के रूप में आसपास के लोगों की अपेक्षाएं क्या है,उनकी समस्याएं क्या जरूरतें है उन जरूरतों,समस्याओं का निदान कैसे होगा,इस पर ध्यान दें तो अच्छा शिक्षक बन सकते है।कहा कि किसी भी शिक्षक व्यक्ति के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है एक अच्छा नागरिक बनना,किन्तु  अध्यापकों से उनका सर्वश्रेष्ठ प्राप्त करने के लिए उनके प्रति विश्वास और सम्मान का वातावरण बनाना बहुत आवश्यक है।फत्तेपुर रोशनाई साधन सहकारी समिति के अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा कि  स्वयम व संगठित रूप मेँ मनुष्य को स्वार्थी नहीं परमार्थी और व्यक्तिवादी से सामाजिकवादी बन कर लोकहित के काम करते ही रहना चाहिए।अन्त में उपस्थित सभी संगठनों के सदस्यों पदाधिकारियों ने मिल समाजहित में साथ मिल कार्यक्रम चलाने पर चर्चा करते हुए सहमति ब्यक्त की।इस अवसर पर प्रमुख रूप से मडंलीय मंत्री शैलेश त्रिपाठी,मडंलीय सयुक्त मंत्री धीरेन्द्र सिंह,जनपदीय सयुक्त मंत्री निरूपम तिवारी, विपिन त्रिवेदी,अभिषेक द्विवेदी,धर्मेन्द्र सिंह,दिनेश सिंह,गोरेन्द्र सचान,गजेन्द्र सिंह,रामक्रिपाल व फत्तेपुर रोशनाई प्रधान पति राजू सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

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