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गुरुवार, 29 नवंबर 2018

सरकारी स्कूलों में बच्चो की आड़ में अधिकारी और सत्ता के कर्मचारी खेल रहे अटपटा खेल


उरई से विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट।

कदौरा क्षेत्र सरकारी विधालय में बच्चों का भोजन डकारने वालो के खिलाफ एसडीएम् से शिकायत

जाँच के लिए पहुंचे अधिकारी के सामने बच्चों को धमकाकर चुप कराने का लगाया


कई गाँवो में शिकायत पर खण्ड शिक्षाधिकारी खुद शिकायतकर्ताओं को फुसलाकर जाँच में कर देते है लीपा पोती

लापरवाहियों में पर्दा डालने वाले खण्ड शिक्षाधिकारी की बात सुनकर बोले बी एस ए उक्त कार्यशैली संज्ञान में ली जायेगी      बी एस ए
     
उरई।कदौरा विकाश खण्ड में कुछ शिक्षण संस्थानों में पटरी से उतरी शिक्षा व सहकारी व्यवस्थाओं को लेकर जिम्मेदार कोई और नही बल्कि खुद जिम्मेदार ही है क्यों कि जब भी ग्रामीण किसी गांव की अव्यवस्था की शिकायत करते भी है तो खण्ड शिक्षाधिकारी कोई कार्यवाही तो नही करते बल्कि शिकायतों कर्ताओ को फुसलाते नजर आते है और लीप पोत के सब बराबर कर देते है और आज भी शिकायत कर्ता जाँच कार्यवाही से असन्तुष्ट नजर आये।
गौरतलब हो कि कदौरा विकाश खण्ड क्षेत्र ग्राम भेंडी निवासी कुछ ग्रामीणों द्वारा उपजिलाधिकारी को शिकायत कर बताया गया कि उनके गांव के प्रायमरी जूनियर विद्यालय में शिक्षक व समिति मिलकर मिड डे मील में धांधली करते है और बच्चों को सिर्फ तेहरी ही दी जाती एव मीनू के हिसाब से दूध य अन्य भोजन न देकर राशन बेंच दिया जाता है वही सहकारी विद्यालय के अधिकांश बच्चे प्रायवेट विधालय में जाते है लेकिन उनकी हाजिरी उक्त सरकारी विद्यालय में दर्ज कर उनकी फर्जी खुराक भी डकार ली जाती है उक्त आरोप को लेकर एसडीएम् सुनील कुमार शुक्ला द्वारा खण्ड शिक्षाधिकारी सर्वेश को जाँच के आदेश दिए गए।ग्रामीण नवनीत मिश्र के मुताबिक आज सुबह पहले से ही खण्ड शिकाधिकारी द्वारा विद्यालय को सब टिप टॉप करने की सूचना देते हुए शिकायत करता नवनीत मिश्रा को फोन करते हुए कहा कि आज जाँच करने आ रहे है व मीडिया को ये सब मत बताना और गांव पहुंचकर जाँच पड़ताल कर विधालय को मिड डे मील व व्यवस्थाये दुरुस्त रखने के लिए आदेश दिया गया साथ ही प्रायवेट विद्यालय को भी नोटिश देने के लिए कहा गया।वही बच्चों द्वारा आरोप से अलग जानकारी देने पर ग्रामीणों द्वारा कहा गया कि बच्चों को शिक्षक व  समिति द्वारा मिलकर धमका दिया गया है जिससे वो हकीकत न कहे।वही कुछ दिनों पूर्व ग्राम बबीना के मजरे फरहामपुर में महीनो में कभी कभार आने वाले शिक्षक के खिलाप ग्रामीणों ने विरोध किया तो जाँच में पहुंचे एबीएसए ने गांव वालो को फुसलाकर सब बराबर कर दिया जबकि उस गांव का शिक्षक किराये का शिक्षक रखकर खुद घर पर आराम करता था इसी तरह ग्राम मंबई अहीर में भी प्रधान अनवार खान द्वारा कई बार शिकायत की गई कि विद्यालय में प्रधानाध्यापक उरई से नही आते है केवल महीने में दो बार ही उक्त शिक्षक के दर्शन होते है लेकिन महीनो बीत जाने के बावजूद भी खण्डशिक्षाधिकारी उक्त लापरवाही से अनभिज्ञ बनकर सब नजर अंदाज कर देते है।आखिर क्या वजह है कि कदौरा क्षेत्र में कुछ संस्थानों में लापरवाही के चलते शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतरती जा रही है और जिम्मेदार कार्यवाही न कर शिकायतकर्ताओ को फुसलाते घुमते है और ये भी कह देते है कि मीडिया को न बताना।उक्त आरोप के चलते जब ए बी एस से प्रेसवार्ता करनी चाही तो फोन रिसीव ही नही किया गया।वही बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा क्षेत्र में हो रहे खिलवाड़ की जानकारी देने पर कहा गया कि वर्तमान में हाईकोर्ट में हूँ दो दिन बाद लौटने पर मामला संज्ञान में लिया जा सकता है।

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