(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज)02/03/19 भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर बमबारी की थी। जिस जगह यह बम विस्फोट हुआ वहां मौजूद चश्मदीदों ने इस हमले के कई घंटे बाद एंबुलेंस से 35 शवों को यहां से बाहर ले जाने की बात बताई। उनका कहना था कि मृतकों में एक अस्थायी झोंपड़ी में सोने वाले 12 लोग भी शामिल थे। इसके साथ ही कुछ ऐसे भी लोग थे जो पाकिस्तान की सेना में काम कर चुके थे।
संवाददाता ने चश्मदीदों से एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन सिस्टम से संपर्क किया था। स्थानीय सरकारी अधिकारियों के लिए काम करने वाले सूत्रों ने अपनी पहचान जाहिर करने से इनकार किया। उनका कहना था कि वे मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं है। उन्हें बदले की कार्रवाई की आशंका थी।
एक चश्मदीद ने कहा, 'बमबारी के ठीक बाद स्थानीय प्रशासन घटनास्थल पर आ गया था। लेकिन इलाके को सेना ने पहले ही अपने कब्जे में ले लिया था। यहां तक की सेना ने पुलिस को भी इलाके में नहीं जाने दिया। सेना ने एंबुलेंस पर मौजूद मेडिकल स्टाफ से मोबाइल फोन भी छीन लिए।'
सूत्रों ने कहा, 'स्थानीय इलाके में कर्नल सलीम के नाम से पहचाने जाने वाले इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के पूर्व अधिकारी की भी इस बमबारी में मौत हुई थी। जबकि एक कर्नल जफर जाकरी घायल हो गए थे। पेशावर का रहने वाला जैश-ए-मोहम्मद का एक इंस्ट्रक्टर मुफ्ती मोईन और आईईडी एक्सपर्ट उस्मान गनी भी भारतीय वायवुसेना की बमबारी में मारा गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें