(पब्लिक स्टेटमेंट से आकाश सविता की रिपोर्ट)30/04/19 राजनीति में आते ही लोग ‘समाजसेवा’ / ‘लोकसेवा’ को अपना प्रोफेशन बताना चालू कर देते हैं. ये बात और है कि चुनाव में उतरने वाले अधिकतर कैंडिडेट्स जब नामांकन भरते हैं तो पता चलता है कि उनकी सेवा का स्टेटस तो मालूम नहीं लेकिन उनकी दौलत ज़रूर बढ़ती जाती है. पॉलिटिक्स में आने वाले लोग भी अक्सर करोड़पति होते हैं.
ये मामला इसलिए डिस्कस हो रहा है क्योंकि एक लिस्ट आई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रीफॉर्म्स (ADR) के नाम से. इसने चुनाव के पांचवें पेज में नामांकन दाखिल करने वाले कैंडिडेट्स की घोषित आय की स्टडी की. उनमें सबसे अमीर कैंडिडेट का नाम जो सामने आया वो है समाजवादी पार्टी की पूनम सिन्हा का.
पहले शत्रुघ्न सिन्हा राजनीति में आए, अब पूनम सिन्हा ने भी इधर का रुख किया.
16 अप्रैल को सपा में शामिल हुईं, लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए लखनऊ से टिकट भी मिल गया पार्टी का. वो गठबंधन की उम्मीदवार हैं. उनके खिलाफ राजनाथ सिंह खड़े हुए हैं बीजेपी से. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने गठबंधन कर लिया है. तीनों पार्टियां साथ में चुनाव लड़ रही हैं. बीएसपी 38, सपा 37 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है. आरएलडी तीन सीटों में. गठबंधन ने कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली की सीट सम्मान के तौर पर छोड़ दी है. यानी इन दोनों सीटों पर गठबंधन कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा कर रहा. पिछली बार इस सीट से राजनाथ सिंह जीत गए थे.
पूनम सिन्हा की कुल घोषित आय 193 करोड़ रुपए हैं जिसमें चल-अचल सम्पत्ति शामिल है. यही नहीं, ADR की स्टडी के मुताबिक़ पांचवें चरण में खड़े हुए उम्मीदवारों में से 28 फीसद करोड़पति हैं. पूनम सिन्हा के ठीक पीछे दूसरे नंबर पर इस लिस्ट में विजय कुमार मिश्रा हैं जो प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के कैंडिडेट हैं सीतापुर से. उनकी कुल घोषित संपत्ति 177 करोड़ रुपए है.
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