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गुरुवार, 25 अप्रैल 2019

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा का आज उरई (जालौन)रोड शो।#Public Statement

(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट)25/04/19 बच्चों के मुख से 'चौकीदार चोर है ' सुनकर मुस्कराईं  प्रियंका 

रोड शो मेँ  कांग्रेस की उम्मीदों से कहीं ज्यादा जुट गई भीड़  
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बज़रिया मेँ प्रियंका गांधी पर बरसाई गईं गुलाब की पंखुड़ियाँ
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प्रियंका  वाड्रा की दीवानगी महिलाओं को छत तक खीच लाई 

उरई (जालौन)कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और तुरुप का इक्का प्रियंका गांधी वाड्रा आज शहर आई पर बिन बोले ही सब को अपना बनाकर चली गईं । उनके आगमन से ऐसा लगा मानो आज कांग्रेस जीवित हो गई ।  शहर उनकी मुस्कान पर यदि फिदा हुआ तो संस्कारों ने दिल तक असर छोडा । सात कुंटल गुलाब फूलों की पंखुड़ियों ने जब प्रियंका को स्पर्श किया तो वह पहली बार मेँ ही यहाँ के स्वागत से अभिभूत हो गईं । उनका क्रेज किस कदर है कि क्या भाजपा  अथवा सपा - बसपा, हर कोई उनको एक बार देख लेना चाहता था । महिलाओं पर उनका चार्म सिर चढ़कर बोला । यदि यही दीवानगी मतदान केंद्र तक भी बनी रही तो फिर परिणाम कुछ भी हो सकता है । 

आज धूप मर्दानगी अपनी मर्दानगी दिखाने को बेताब थी । उसका दिल किसी पर भी नहीं पसीज रहा था । व्यवस्थाएं जुटाना बड़ा कठिन था पर प्रियंका गांधी की दीवानगी मेँ धूप और प्यास हर कोई भूल चुका था । सेवा दल से लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उस घड़ी का इंतजार था , जब प्रियंका उनके बीच पहुंचे ।  इंतजार बढ़ भी गया । करीब सवा घंटे विलंब से जब हेलीकाप्टर आकाश मेँ उड़ता हुआ दिखा तो दीवानगी ऐसी कि नीचे से ही नारे लगने शुरू हो गए ।  किसी को ये इल्म भी नहीं रहा कि उनकी यह आवाज आकाश तक नहीं पहुँच रही होगी । अंबेडकर प्रतिमा पर पुष्प माला और पदमशाह बाबा की मजार पर मत्था टेकने के बाद वह न्याय रथ पर सवार हुईं । 

रथ मेँ  प्रत्याशी ब्रजलाल खाबरी , पूर्व विधायक विनोद चतुर्वेदी , जिलाध्यक्ष चौधरी श्याम सुंदर , शहर अध्यक्ष रेहान अहमद सिद्दीकी , सुरेन्द्र सिंह सरसेला आदि को जगह मिली । अब तक जुलूस मेँ भारी भीड़ जुट चुकी थी । सड़क के दोनों छोर भी अभिवादन के लिए खड़े नागरिकों से भरे थे । महिलाओं ने प्रियंका को नजर भर देखने को अपनी छतों का सहारा लिया । भावनाओं से आज धूप भी हार गई थी । गांधी मूर्ति पर भी माला अर्पण के साथ जुलूस जब घंटाघर होकर बज़रिया की ओर मुड़ा तो यहाँ नए समीकरण बनते दिखे । अब तक जुलूस विशाल आकार ले चुका था । छतों से प्रियंका के ऊपर नरम , मुलायम और सुगंधित पंखुड़ियां बरसाई जा रही थीं । यह कार्य ज़्यादातर महिलाओं की ओर से किया जा रहा था ।  मुस्कुराते हुए वह इस आतिथ्य को बडी विनम्रता से स्वीकार करते हुए आगे बढ़ती जा रहीं थीं । रास्ते मेँ जब उन्हें बुजुर्ग पुरुष या महिलाएं दिखतीं तो वह दोनों हाथा जोड़कर उन्हें अभिवादन करने लगतीं । 


  बजरिया मेँ ही बच्चों की एक टोली झण्डा थामे खड़ी थी । इसमें कई बच्चियाँ भी शामिल थीं । यह टोली सिर्फ एक ही नारा लगा रही थी - चौकी दार चोर है । बच्चों के मुख से जब प्रियंका ने नारा सुना तो वह मुस्कुराए बिना नहीं रह पाईं। 
 अब यदि जुलूस के आकार और उसके उत्साह पर समीक्षा की जाये तो यह नए समीकरण बनाने को पर्याप्त है । यही उत्साह यदि मतदान केंद्र तक पहुंचा तब तो 23 मई  को कुछ भी संभव है । अंबेडकर चौराहा पर जुलूस आकर  खत्म हुआ

 । विलंब होने के कारण नुक्कड़ सभा नहीं हुई । इस दौरान पूर्व मंत्री नसीउद्दीन सिद्दीकी ,  पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज चतुर्वेदी , राजेश मिश्रा , आशीष चतुर्वेदी , राजेश मिश्रा हरदोई , अनुज मिश्रा , गुलाब खान , मैराज सिद्दीकी , असगरी बेगम , शोबी फहीम सिद्दीकी , आमीन खाँ, विवेक यादव , माजिद खाँ , छाया पालीवाल , असगरी बेगम , करन सिंह राजपूत , अरविंद सेंगर आदि शामिल रहे ।


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