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रविवार, 5 मई 2019

गोद लिये गये कस्बे की विकास की डोर ही कमजोर।#Public Statement


(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज से विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट)05/05/19 पिछले 468 घण्टे से विधुत और जलापूर्ति बाधित। उरई(जालौन) ।  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा कस्बे कोटरा को कुछ वर्ष पूर्व अविकसित कस्बे को विकसित करने के उद्देश्य से गोद लिया था परंतु वर्तमान में यह स्थिति हो गयी है कि पहले की अपेक्षा अब तो नगरवाशी बिजली और पानी के लिए तरस रहे हैं।  कस्बे में 72 घण्टों से बिजली की कटौती है और पानी आने का कोई नामो निशान नही हैअधिकारियों  को इस समस्या से अवगत कराया गया परंतु इस समस्या को संज्ञान में नही ले रहे हैं। 

जहां तापमान 44डिग्री के पार वहीं भीषड़ गर्मी में विघुत विभाग ने नगर के लोगों को बेहाल कर दिया है। वहीं विघुत आपूर्ति न होने से पानी के लिए हाहा कार मच गया है। क्योंकि कोटरा नगर की जलापूर्ति पूरी तरह से विघुत के ऊपर निर्भर है। लोगों को पीने के पानी के लिये नदी बनी एक मात्र सहारा। हैण्डपम्पों में खारा पानी है जो कि पीने योग्य नहीं है। वहीं अब पहैण्डपम्प भी जवाब देने लगे है। लोगों का कहना है कि कोटरा नगर विघुत आपूर्ति पिछले 72 घण्टे से ज्यादा समय से बाधित है।

 वहीं जिम्मेदार अधिकारियों से यदि फोन पर जानकारी प्राप्त करनी चाही तो अधिकारियों ने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा। उपभोक्ताओं का कहना है कि जहां विघुत विभाग यदि लोगों का 2000 हजार का भी बिल जमा नहीं हुआ तो अपनी तानाशाही दिखाने में नहीं चूकता। जब उपभोक्ता की अधिकार की बात आती है तो पूरी तरह से लापवाही पर उतर आते है। नगर के शिवदयाल केवट, टैनी, रामप्रसाद आदि का कहना है। कि हमारे मुहल्ले नरेघाट में पानी के लिए तो पिछले 50 सालों से नदी ही एक मात्र सहारा है। वहीं अब लाइट भी अब रुलाने लगी है। 44 डिग्री की भीषड़ गर्मी में लाइट का भी सहारा नही है।

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