विष्णु चंसौलिया।
उरई (जालौन)मुख्यमंत्री की महात्वाकांक्षी योजना जिसमें प्राथमिक विद्यालयों में कान्वेंट स्कूलों के समकक्ष उच्च स्तरीय अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक जनपद में चयनित किए गए स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जानी थी।।
लेकिन अभी तक साक्षात्कार और समायोजन ही नहीं हो पाया है तो शिक्षा उपलब्ध कौन कराएगा।
जुलाई माह में तीन सप्ताह गुजर जाने के बाद भी न तो शिक्षकों की नियुक्ति हो पाई है और ना ही पठन-पाठन के लिए पुस्तकें उपलब्ध कराई गई है।।
आखिर कैसे होगा मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा।
कैसे हासिल होगी नौनिहालों को उच्च शिक्षा।।
अब देखने की बात यह है कि शिक्षा में हो रही लापरवाही के लिए कौन होगा जिम्मेवार।
क्या जनपद के उच्च अधिकारीहोंगे जिम्मेदार या फिर उच्च अधिकारी भी मास्टरो के ऊपर ही लगाएगें इल्जाम।।
मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट की उच्च अधिकारी उड़ा रहे धज्जियां।
मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को अधिकारियों ने बना रखा है मजाक।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें