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शनिवार, 17 अगस्त 2019

इंसानियत से बड़कर कोइ धर्म नहीं 11हिन्दू मुस्लिम क़ैदियों क़ो कराया रिहा।#Public Statement


(कानपुर से शावेज़ आलम की रिपोर्ट)17/08/18
• आॅल इण्डिया पयाम-ए-इन्सानियत फोरम कानपुर यूनिट ने यौमे आज़ादी के मौक़े पर 11 क़ैदियों की रिहाई करवाई।

• असीरान व कै़दियों की रिहाई के सिलसिले में इस्लामी एहकामात पर अमल पैर हो कर पयाम-ए-इन्सानियत फोरम ने इन्सानियत की मिसाल क़ाएम की: मौलाना मतीनुल हक़ उसामा

• रिहा होने वाले 11 लोगों में 4 मुसलमान और 7 हिन्दू भाई शामिल।

•सय्यद आसिफ अली और डाक्टर मो0 जमील ने तमाम क़ैदियों को घर तक पहुँचने के किराए की रक़म भी पेश की।

कानपुर,15 अगस्त-  मज़लूमों और परेशान हाल लोगों की बिला तफरीक़ मज़हब मदद करना इस्लाम का अहम पैग़ाम है, हुजूर रहमतुल लिल आलमीन हज़रत मोहम्मद सल्लललाहू अलैहि वसल्लम पूरी दुनिया के लिये रहमत बन कर आये, बिला तफरीक़ मज़हब हुस्न सुलूक, अच्छा बरताव, मज़लूमों की मदद, पड़ोसियों, बीमारों, मिस्कीनों, ग़रीबों की हमदर्दी और ख़ैर ख्वाही नबी सल्लललाहू अलैहि वसल्लम की तालीमात का अहम हिस्सा हैं । आप सल्लललाहू अलैहि वसल्लम की तालीमाते रहमत पर अ़मल करते हुए आॅल इण्डिया पयाम-ए-इन्सानियत फोरम कानपुर यूनिट ने जेल में बन्द उन क़ैदियों को जिनकी सजा पूरी हो चुकी थी, लेकिन जुरमाना की रक़म न होने की वजह से रिहाई नहीं हो रही थी । जेल इन्तिज़ामिया से राब्ता करके उनके जुरमाने की रक़म अदा करके आज उनको जेल से रिहाई दिलाई । रिहा होने वाले 11 लोगों में 4 मुसलमान और 7 हिन्दू भाई शामिल थे । 

इस मौक़े पर जमीअ़त उलमा उत्तर प्रदेश के सदर ‘‘मौलाना मोहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी’’ ने कहा की पूरी इन्सानियत की खि़दमत बड़ा कार सवाब है और इस्लाम में असीरान व क़दियों की रिहाई के भी एहकामात मौजूद हैं ।  नबी सल्लललाहू अलैहि वसल्लम ने मुख़तलिफ मवाक़े पर क़ैदियों की रिहाई की तलक़ीन की और उसका सवाब बतलाया है । पयाम-ए-इन्सानियत फोरम ने उन्हीं एहकामात के पेशे नज़र आज उस पर अ़मल पीरा हो कर इन्सानियत की एक मिसाल पेश की और आइन्दा भी मज़ीद ऐसे क़ैदियों की मदद कर के उनकी रिहाई का मन्सूबा है । 

हार्ट स्पेशलिस्ट डा0 मोहम्मद जमील और मशहूर सनअ़तकार सय्यद आसिफ अली ने रिहाई पाने वाले तमाम क़ैदियों को अब अच्छी ज़िन्दगी गुजारने और परिवार की खि़दमत करने की तलक़ीन करते हुए घर तक पहुँचने का किराया के लिये नक़द रक़म भी पेश की नीज़ नाश्ता मय पानी की बोतल के कट भी तक़सीम किये । 

लख़नऊ से आए पूलीस अफसर वी.के. त्रपाठी  और कानपुर के जेलर मिस्टर तिवारी ने इस अ़मल को सराहते हुए कहा कि सबसे बड़ी चीज़ इन्सानियत की खि़दमत है । आप हज़रात मुबारकबाद के मस्तहक़ हैं कि आपने बिला तफरीक़ उन ग्यारह लोगों की जुर्माने की रक़म अदा करके रिहाई दिलाई, यही हमारे मुल्क की तहज़ीब और संस्कृति है कि हम सब प्यार व मोहब्बत के साथ रहें और बिग़ैर भेद-भाव के एक-दूसरे के काम आयें । आप लोगों ने इस अ़मल के ज़रिये इस तहज़ीब को मजबूत किया और मुल्क वालों को अच्छा पैग़ाम दिया । 

रिहाई पाने वालों में राजेश चैहान, अवतार कुमार मल्होत्रा, मो0 असरार, राजू वर्मा, मोनू, मो0 महताब, बटोले, नूर, शाहनवाज़ हुसैन, मनोज कुमार और धर्मेेन्द्र सिंह शामिल थे जिनकी जुर्माने की रक़म अदा करके पयाम-ए-इन्सानियत फोरम कानपुर यूनिट ने उनकी रिहाई करवाई।

इस मौके पर मौलाना मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी, सय्यद आसिफ अली, और डा0 मो0 जमील के अलावा सिकन्दर सिद्दीक़ी, डा0 मुस्तजाब, डा0 हलीमुल्लाह खान, एस.एस. उस्मानी, मौलाना मो0 अनीस खाँ क़ासमी, मौलाना मो0 इनामुल्लाह क़ासमी, मौलाना मो0 सअ़द खान नदवी, मौलाना फरीदुद्दीन क़ासमी, मौलाना इरफान मज़ाहिरी, मोलवी अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह, क़ारी बदरूज़्ज़माँ, मो0 अलक़मा, हाफिज़ मो0 तारिक और हाफिज़ अदनान वग़ैरह मौजूद थे ।

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