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मंगलवार, 20 अगस्त 2019

रामलला विराजमान अयोध्या सुनवाई में पुरातत्व विभाग की खुदाई से मिला अह्म सबूत।#Public Statement



(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज से मोहम्मद जुनैद की रिपोर्ट)20/08/19 सुप्रीम कोर्ट सुनवाई 8वां दिन कोर्ट में पेश किया गया खुदाई में मिले मंदिर अवशेष के अह्म सबूत।

रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट की फास्ट ट्रैक कोर्ट में 8वें दिन रामलला विराजमान ने पुरातत्व विभाग की खुदाई में मिला अह्म सबूत पेश किया। 12 मार्च, 2003 से 7 अगस्त, 2003 तक भारतीय पुरातत्व विभाग की खुदाई में मिले सबूत मंदिर का अवशेष मंगलवार को रामलला विराजमान के वकील सी एस. वैद्यनाथन द्वारा कोर्ट के सामने पेश किया गया। सोमवार को जस्टिस बोबड़े की अनुपस्थित के चलते हफ्ते में 5 दिन होने वाली सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं हो सकी थी। कोर्ट 6 अगस्त से लगातार मामले की सुनवाई कर रही है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान रामलला के वकील सीएस. वैद्यनाथन ने कोर्ट को बताया कि मुस्लिम पक्ष ने पहले कहा था कि जमीन के नीचे कुछ नहीं था, लेकिन बाद में कहती है कि जो ढांचा मिला है वह इस्लामिक ढांचा है जबकि पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भूमि के नीचे मंदिर था।

जिस पर भरोसा करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खुदाई वाली जगह को मंदिर को देने का फैसला सुनाया था। इसके बाद रामलला विराजमान के वकील बीएस वैद्यनाथन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ को दिखाए गए पुरातत्व विभाग की खुदाई में मिले सबूत पेश किया।

रामलला के वकील की तरफ से अभी तक के दलीलों में पौराणिक, ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला दिया गया है। रिपोर्ट के साथ पुरातत्व विभाग की तस्वीरें भी साझा की गई हैं। सीएस. वैद्यनाथन ने कोर्ट को बताया कि जन्मभूमि स्थान पर बाबरी मस्जिद से पहले मंदिर था और उसके कई साक्ष्य भी थे और इस दौरान उन्होंने कुछ स्तंभों का उल्लेख किया जिनपर भगवान के चित्र थे और कोर्ट को कुछ नक्शे भी दिखाए।

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