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शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

जालौन-चंबल में बाढ़ का पानी कम न होने से पंचनद ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति भयावह#Public Statement


(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 20/09/19 उरई(जालौन)।पंचनद क्षेत्र में चंबल नदी के कारण आई भीषण बाढ़ से फिलहाल अभी कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है। परिणाम स्वरूप बाढ़ प्रभावित इलाके के निवासियों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है ।जनपद जालौन के पंचनद क्षेत्र में चंबल नदी के जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि से आज पांचवें दिन तक बाढ़ ग्रस्त गांव के निवासियों के चेहरों पर मायूसी स्पष्ट देखी जा रही है। ग्राम कंजौसा भिटौरा में अनेक घर बाढ़ के पानी से लबालब भरे हुए हैं । रास्तों में पांच से दस फुट ऊंचा पानी भरे होने से ग्रामीण अपने घरों से निकलने के लिए मोहताज हैं और वह अपने  घर में कैद होकर रह गए हैं।

 पशुओं का चारा तथा ग्रामीणों के स्वयं के खाने-पीने का सामान बहुत अधिक मात्रा में बर्बाद हो गया। ग्राम कंजौसा के प्रधान वीर सिंह यादव ,भाजपा नेता विजय द्विवेदी, युवा भाजपा नेता अभिषेक शर्मा ,लेखपाल बलराम प्रजापती तथा अतिरिक्त ड्यूटी में लगे लेखपाल संदीप सिंह राजावत व ग्राम पंचायत सचिव गोहन सुखसागर अवस्थी ने ग्राम कंजौसा एवं भिटौरा में नौकाओं द्वारा पंहुच कर ग्रामीणों की स्थिति को देखा।दोनो गांव मे अनेको घर पानी में डूब गए है। गांव कंजौसा निवासी राजकुमार, मलखान रामदीन,  राम कुमारी, सुंदर सिंह को उनके घरों में पानी भर जाने के कारण रैन बसेरा में विस्थापित किया तथा उनके खाने-पीने की व्यवस्था को भी देखा। गोरेलाल शामले सुरेश सुखराम, ओमप्रकाश आदि के घरों में पानी भर जाने से उनकी स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है ।

लेखपाल बलराम प्रजापति ने बताया किसानों की लगभग 90% फसल नष्ट हो गई है इसकी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जा रही है। इसी प्रकार ग्राम भिटौरा में शिव वीर सिंह कठेरिया, राकेश बाल्मीक, गंगाराम, श्याम सुंदर ,राजकुमार, अवधेश ,राजेश आदि के मकानों में पानी भर जाने से उनके मकान खाली करवा कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है ।यमुना नदी के पानी से चारों ओर से घिरा ग्राम महटौली भीषण संकट में है। । 

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राम किशोर राजपूत एवं पुत्री लाल पुत्र लाखन सिंह राजपूत ने बताया कि हमारा गांव सर्वाधिक संकट में है। आने जाने की सभी रास्ते बंद हैं। खाद्यान्न की असुविधा है। सब्जी नहीं मिल पा रही है। बिजली ना आने के कारण चक्की न चल पाने से घरों में आटा खत्म होता जा रहा है। पशुओं का दाना भी नहीं रहा है। अनेक घरों में खाने पीने की किल्लत बनी हुई है मोबाइल डिस्चार्ज होने से कहीं संपर्क भी नहीं हो पा रहा है। पूरा गांव भूखों मरने की कगार पर है यही स्थिति ग्राम पुरा एवं बेरा की है । प्रशासनिक अधिकारियों के नाम पर मात्र लेखपाल लज्जाराम पहुंचा है बाकी कोई अधिकारी ग्राम महटोली नहीं पहुंचा।गांव में संभावित भुखमरी एवं बीमारी के भय से ग्रामीणों के चेहरों पर खामोशी छाई है।

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