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सोमवार, 4 नवंबर 2019

श्री मद्भागवत कथा ऐसा फल है जिसमें रस ही रस है:बापू चिन्मयानंद#Public Statement


उरई (जालौन)। 04/11/19 नगर के अजनारी रोड स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय परिसर में शुरू हुई श्रीमद भागवत कथा के शुभारंभ  के तीसरे दिन जिसमें जहां हजारों  की संख्या में नगरवासी शामिल रहे,  तो वहीं हरिद्वार से आये राष्ट्रीय संत श्री चिन्मयानंद बापू के प्रवचन सुने। भागवत कथा मैं पधारे   प्रेमियों  ने कथा का रसपान किया। हरिद्वार के संत श्री चिन्यामनंद बापू ने प्रारंभ में कहा कि मां-बाप को चाहिए कि अपने बच्चों को संस्कारित करें, कांग्रेस दफ्तर अजनारी रोड उरई में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में कथा के क्रम को आगे बढ़ाते हुए,  पूज्य बापू ने कहा  कथा हमारे जीवन के तीनो ताप. (दैनिक, देविक, गोतिक) का हरण करती है , बापू ने कहा कि जैसे ही हम कथा रसपान करने का सिर्फ मन ही बनाते हैं , उसी समय परमात्मा हमारे हृदय में विराजमान हो जाते हैं

 और हमारे अंदर स्थान ग्रहण करते हैं! पूज्य बापू ने कहा भागवत कथा 1 ऐसा फल है जिसमें ना गुठली है! और ना छिलका लेकिन फिर भी इसमें इतना रस है कि साधक पीते-पीते थक जाएगा लेकिन कभी कम नहीं हो सकता, बापू ने कथा के माध्यम से आत्म देव पंडित और गोकर्ण, धुंधकारी का संवाद सुनाया बापू ने कहा की पापी से पापी आत्मा को भी तारने का सामथय श्रीमद्भागवत कथा में है !धुंधकारी ने पूरे जीवन भर पाप किया और मर गया लेकिन उसके बाद उनके भाई गोकर्ण ऋषि ने उनके लिए भागवत कथा सुनाई और धुंधकारी मुक्त गए,, बापू जी ने कथा के माध्यम से कहा कि हर मां-बाप को चाहिए कि अपने बच्चों को धन थोड़ा कम दे  लेकिन संस्कार अवश्य दें क्योंकि बच्चों को संस्कारित करना अति आवश्यक हैं बापू जी ने कहा उन्होंने भगवान की कथा रसपान नहीं की उनके काज सर्प की वामी की तरह है  बाद में कथा के माध्यम से सोनक जी के द्वारा 6 प्रश्न सूत जी से पूछे  गए,  और उनका उत्तर देते हैं श्रीमद् भागवत के प्रथम स्कंद की शुरुआत की और कथा को महाभारत की ओर मोड़ते हुए पारीछत राजा के जन्म की कथा सुनाई और  उन्होंने एक बार कलयुग को दंडित करते हुए छोड़ा और बाद में वही कलयुग राजा परीक्षित के सिर पर सवार हुआ और राजा ने एक ऋषि महात्मा का अपमान किया।

 जिसमें क्रोधित होकर ऋषि के पुत्र ने उन्हें 7 दिन में उन्हें मरने का श्राप दे दिया,  और राजा सारा राजपाट छोड़कर गंगा के तट पर चले  आए और सुखदेव ऋषि का आगमन हुआ और उन्होंने राजा परीक्षत को श्रीमद् भागवत टी 7 दिनों में मोक्ष प्रदान करती है !बताया और कथा सुनाना आरंभ किया कथा के माध्यम से कपिल भगवान की कथा सुनाई कल कथा के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा सुनाई  इस राष्ट्रीय संत श्री चिन्मयानंद बापू द्वारा कथा का महत्व बताया गया  संवाद सुनाया गया। और भक्त गणों ने प्रसाद ग्रहण किया मुख्य कथा यजमान सुरेश पुरवार, संतोष पुरवार आयोजन समिति के अध्यक्ष बृजकिशोर गुप्ता, जेपी राजपूत, अभिषेक राम, श्यामजी शर्मा, राहुल नगाइच, मनीष द्विवेदी, सौरभ ठाकुर, प्रेमनारायण तिवारी, डा. मनोज गुप्ता, आकाश गुप्ता, राहुल पुरवार, नवीन पुरवार, प्रवीण पुरवार,रघुवीर नगायच, राघव समाधिया,  विवेक पुरवार, विकास पुरवार,गिरीश चदुर्वेदी,  जीतू सिंह कुशवाहा,  अनुज मिश्रा, रामू निरंजन, रामलखन ठाकुर, सचित परिहार, अनिल निरंजन, कृष्णा कन्हैया गुप्ता, देवेंद्र पाल, विनीत द्विवेदी, राम याज्ञिक, सत्यम निरजन, विजय कुमार, विनीत श्रीवास्तव, दीपेंद्र सेंगर, हिमांशु, ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह,राज कुमार गुप्ता, दीपक,  रामप्रताप, राममोहन नगर प्रचारक, सहित सैकड़ों की संख्या में भगवतकथा प्रेमी उपस्थित रहे।

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