Latest News

मंगलवार, 19 नवंबर 2019

भारतीय साहित्य में लोक मंगल की भावना है विकसित,हृदयनारायण दीक्षित#Public Statement


(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 19/11/19 उरई।जिलापंचायत सभागार में साहित्यिक परिचर्चा एवं सारस्वत सम्मान समारोह का हुआ आयोजन जिला पंचायत सभागार में अखिल भारतीय साहित्य परिषद उप्र के तत्वाधान में साहित्यिक परिचर्चा एवं सारस्वत सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर साहित्य परिक्रमा के बुन्देलखंड विशेषांक का विमोचन उप्र विधानसभा अध्यक्ष विचारक, चिंतक, स्तंभकार ह्रदयनारायण दीक्षित के कर कमलों से हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में व्याख्यान देते हुए अध्यक्ष उप्र विधानसभा ह्रदय नारायण ने साहित्यिक परिचर्चा के विषय हमारी साहित्य परंपरा विषय पर कहा कि भारतीय साहित्य में लोक मंगल की भावना है जबकि यूरोपीय साहित्य में लोकरंजन दिखता है। वैदिक साहित्य परंपरा में लोक मंगल का अधिष्ठान है और हमारा प्रेय, श्रेय के साथ चलता है। 

भारतीय साहित्य ने समाज का निरंतर मार्गदर्शन किया है। विश्व में कहीं भी भारतीय साहित्य से श्रेष्ठ साहित्य, देखने को नहीं मिलता है। समारोह में अखिल भारतीय साहित्य परिषद उप्र के महामंत्री डा.पवनपुत्र बादल ने बुन्देलखंड विशेषांक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बुन्देलखंड को धर्म, आध्यात्म, शौर्य और पराक्रम की भूमि बताया। सम्मान समारोह में नरेन्द्र शुक्ल ने अपने पिता स्व: देवेश दत्त शुक्ल की स्मृति में संस्कृत आचार्य डा.शिवसम्पत द्विवेदी को गीता सम्मान प्रदान किया। जनपद ललितपुर से आए ओमप्रकाश शास्त्री, सुमेरपुर से हरीराम गुप्ता, महोबा से जगप्रसाद तिवारी, कन्नौज से ओमप्रकाश शुक्ल अज्ञात को साहित्य सेवा के लिए, वरिष्ठ प्रेस छायाकार महेन्द्र प्रताप सिंह दाऊ और जिले के दो विधायक नरेन्द्र प्रताप सिंह जादौन व मूलचंद्र निरंजन को भी समाज में विशिष्ट योगदान हेतु सम्मानित किया गया। मौजूद प्रहलाद बाजपेई, प्रवीण सिंह, विनोद गौतम, अनुज भदौरिया, यज्ञदत्त त्रिपाठी, अनिल बहुगुणा पालिकाध्यक्ष, राजेश चंद्र, गोविंद हरि, प्रेमकुमार पाठक, शंभूदयाल आदि रहें।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


Created By :- KT Vision