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रविवार, 8 दिसंबर 2019

मानवतावादी हैं बौद्ध की शिक्षाएं: डा. सतीश कुमार#Public Statement



(विष्णु चंंसौलिया की रिपोर्ट) 08/12/19 औरेखी में किया जा रहा अखिल भारतीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन

उरई। बौद्ध की शिक्षाएं मानवतावादी हैं। उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करके यदि जीवन जिया जाए तो दुनिया में अपराध और लालच को स्थान ही नहीं मिलेगा। आज के भौतिकतावादी युग में उनके जीवन के मर्म को समझना आवश्यक है। यह बात पुलिस अधीक्षक डा. सतीश कुमार ने अखिल भारतीय बौद्ध सम्मेलन में उपस्थित लोगों के समक्ष कही।

क्षेत्रीय ग्राम औरेखी में अखिल भारतीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें विशिष्ट अतिथि के तौर पहुंचे एसपी डा. सतीश कुमार ने कहा कि भगवान बुद्ध के अनुसार संसार में दुख है और उस दुख को दूर करना आवश्यक है। भगवान बुद्ध ने जिस दुख का निरूपण किया है वह सांसारिक दुख ही है। बुद्ध वचनों में इसके अनेक प्रमाण पाए जाते हैं। बौद्ध धर्म अन्य धर्मों की भांति आत्मा और परमात्मा के संबंध पर आधारित न होकर जीवन की अनुभूति पर आधारित है। अहिंसा, भयरहित, नैतिकता व राष्ट्र प्रेम पर आधारित समाज की स्थापना भगवान बुद्ध के विचारों को अपनाकर ही पाई जा सकती है। 

उनका जीवन हमें लालच और घृणा से दूर रहने का संदेश देता है। आज के समय में सब सभी ओर तनाव व हिंसा फैली हुई है इस विषैले माहौल को बुद्ध के विचारों से ही दूर किया जा सकता है। इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने समाज हित में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अनिल कुमार प्रजापति, दिलीप कुमार, संजू बौद्ध, संदीप कुमार व सुरेंद्र मिस्त्री को तथागत गौतम बुद्ध की प्रतिमा देकर सम्मानित किया। इस मौके पर रामबिहारी बाबू जी, चैनसुख भारती, कमल दोहरे, कालूराम प्रजापति, रामाधीन बाबूजी, राहुल राय, बृजमोहन कुशवाहा, काशीप्रसाद कुशवाहा, माताप्रसाद प्रजापति, रामप्रसाद चौधरी, दिलीप कुमार, रघुराज कुशवाहा, लालजी कुशवाहा, अरविंद प्रजापति आदि मौजूद रहे।

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