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शुक्रवार, 1 मई 2020

अपंजीकृत श्रमिकों के लिए मजदूर दिवस बना मज़ाक नहीं मिली अब तक एक पैसे की सरकारी मदद

राजन बाजपेई की रिपोर्ट


पाली ,हरदोई । देश में लॉकडाउन के बीच आज अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस हैं, लेकिन मजदूरों की दीन हीन दशा बदतर से और भी बदतर हो गई हैं, सरकार अनाज और खातों में 1000 रुपये भी श्रमिकों को भेज रही हैं लेकिन तमाम अपंजीकृत ऐसे भी श्रमिक हैं जिन्हें अभी तक कोई इमदाद नहीं मिली । हरदोई जिले के पाली में रहने वाले महाराष्ट्र के एक कामगार श्रमिक अपने परिवार के साथ यहां फंस गया। तमाम परेशानियों से घिरा यह कामगार श्रमिक अपने घर लौटना चाहता हैं लेकिन उसे प्रशासनिक सुबिधा नही मिल पा रही ।न

महाराष्ट्र के सतारा जिले के रहने वाले कामगार श्रमिक यशवंत रामचन्द्र शिंदे पाली नगर में काम की तलाश में डेढ़ साल पहले आया था। यहां वह सोने की गलाई का काम करने लगा। इधर लॉकडाउन के चलते सर्राफा बाजार बंद होने से उसका काम भी ठप्प हो गया। पूर्व सभासद संतोष रस्तोगी के आवास पर किराए पर रह रहे यशवंत के सामने खाने की समस्या पैदा हो गई, उसे मुफ्त मिलने वाला राशन भी इसलिए नहीं मिला कि वह महाराष्ट्र का रहने वाला हैं, एक हजार महीना सरकार की ओर से मिलने वाली मदद भी उसे नहीं मिली। आखिरकार खुद का और बीबी बच्चों का पेट भरने के लिए वह लोगों से रुपए उधार मांगकर काम चला रहा हैं, यशवंत की माने तो वह आखिर कब तक लोगों से रुपए मांगेगा, इसलिए वह अपने गांव महाराष्ट्र लौटना चाहता हैं। 
लेकिन प्रशासनिक अनुमति न मिलने से वह अपने परिवार के साथ यहीं फंस गया। यशवंत के पास न तो पैसे हैं न ही राशन। शुक्रवार को एक स्वयंसेवी संस्था ने राशन देकर उसकी मदद की। लेकिन यह राशन भी दो दिन का ही हैं, उसके बाद फिर वहीं समस्या। यशवंत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से उसे महाराष्ट्र भेजे जाने की गुहार लगा रहा हैं।इस संबंध में जब पाली नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अवनीश कुमार शुक्ला ने बताया कि इस कामगार के बारे में जानकारी नहीं थी, अब पता होने पर खाने पीने की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी। शासन से भेजे जाने वाले मजदूरों की सूची मांगे जाने पर उसका नाम भेजा जाएगा।

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