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रविवार, 23 मई 2021

साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण 26 मई को लगेगा#Public Statement👇


(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज से अभिषेक जयसवाल की रिपोर्ट) 23 मई 2021 साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण 26 मई को लगेगा। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। यह भारत में एक उपछाया ग्रहण के तौर पर देखा जा सकेगा, जबकि पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। यह चंद्रग्रहण भारत में दिखेगा लेकिन देश के कुछ भागों में ही लोग ग्रहण को देख पाएंगे। भारत के उत्तर पूर्वी भागों में चंद्रोदय के समय जब ग्रहण का मोक्ष हो रहा होगा उस समय यह ग्रहण दिखेगा। नागालैंड मिजोरम असम त्रिपुरा पूर्वी उड़ीसा अरुणाचल पश्चिम बंगाल में लोग इस ग्रहण को देख पाएंगे। 26 मई को लगने वाला चंद्रग्रहण एक उपछाया ग्रहण है, जो दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में कहीं भी नजर नहीं आएगा। ऐसे में सूतक काल का तो कोई सवाल ही नहीं होता। ऐसे में खाने-पीने से संबंधित कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि चंद्रग्रहण बुधवार 26 मई को वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा। चंद्रमा पर आंशिक ग्रहण दोपहर में करीब 03:15 बजे शुरू होगा और शाम को 7:19 मिनट तक रहेगा। सामान्य भाषा में कहा जाए तो जब धरती पूरी तरह चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है, तो इस स्थिति को पूर्ण चंद्रग्रहण कहा जाता है। ऐसी स्थिति में चंद्रमा लाल नजर आता है जिसे ब्लड मून भी कहते हैं। इस बार ग्रहण वृश्चिक राशि में लगने जा रहा है जिसके चलते ग्रहण का सबसे ज्यादा असर इसी राशि के जातकों पर पड़ेगा।

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि चंद्रग्रहण ब्रह्मांड की एक खगोलीय घटना है और यह पृथ्वी से मीलों दूर घटित होती है, लेकिन इसके बावजूद इसका मानव जीवन पर असर होता है। सृष्टि के जीवों पर इसका असर दिखाई देता है। राशि अनुसार लोग प्रभावित होते है। ग्रहण के दौरान निकलने वाली प्रदूषित किरणों का भी विपरीत प्रभाव मानव जीवन पर पर होता है। किसी भी ग्रहण का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर देखा जाता है। इसका सीधा असर व्यक्ति के मन पर पड़ेगा क्योंकि चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है।

कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहण का सीधा प्रभाव मनुष्य पर पड़ता है। लेकिन यह चंद्र ग्रहण एक उपच्छाया ग्रहण है इसलिए यह ज्यादा प्रभावशाली नहीं है। लेकिन, क्योंकि यह वृश्चिक राशि में पड़ने वाला है, ऐसे में इसका सर्वाधिक प्रभाव वृश्चिक राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा। इस राशि के जातक को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। चन्द्र मन व माता का कारक होने से उन्हें अपनी माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। साथ ही साथ स्वयं को मानसिक तनाव से दूर रखना होगा। वृश्चिक राशि पर होने से कृष्ण मन्त्र लाभदायक है। इस दौरान गर्भवती स्त्रियां ग्रहण के दौरान बाहर न निकलें। ग्रहण से पूर्व सभी भोजन में तुलसी पत्ता जरूर डाल दें या पहले ही भोजन कर लें। ग्रहण के बाद स्नान करके ही कोई शुभ कार्य करें। ये चंद्रग्रहण "वृश्चिक राशि" और अनुराधा नक्षत्र में बनेगा इसलिए मुख्य रूप से वृश्चिक राशि के लोगों पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव होगा। मेष राशि, कर्क राशि, सिंह राशि, तुला राशि और कुंभ राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ेंगी। वहीं, वृषभ राशि, कन्या राशि, धनु, मकर राशि और मीन राशि के जातकों के जीवन में खुशहाली आयेगी।

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