बात मुद्दे की
आपदा में अवसर शीर्षक के साथ लेख को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य शासन प्रशासन का ध्यान मुख्य समस्या की ओर केंद्रित करने के उद्देश्य से है, जहां कालाबाज़ारी के लिए शासन प्रशासन द्वारा डायल 112 सेवा को माध्यम बनाया गया है जो कि एक सराहनीय पहल है परंतु इस का गलत उपयोग भी संभव है जो कि प्रशासन की लिए विचारणीय है। भविष्य में जनहित में यह कितना उपयोगी होगा यहाँ तो डायल 112 की कार्यप्रणाली ही तय करेगी।
माई बाप कौन?
थाना अनवरगंज अंतर्गत कोपरगंज चौराहा पर कुलीबाज़ार मोड़ से पहले चेक संख्या 80/56 पप्पू चौरासिया पान भंडार के बराबर में थाना हरबंशमोहाल निवासी वीरेंद्र राठौर द्वारा अतिक्रमण कर सड़क किनारे मलबे के ढ़ेर पर अवैध निर्मित चार फिट की दुकान के बाहर सरकारी फुटपाथ पर आठ फिट का तीन शेड डाल मुख्य सड़क का मार्ग एक ओर से अविरुद्ध कर किया गया अवैध अतिक्रमण। तीन थाना क्षेत्रों वाले अतिव्यस्त चौराहा पर पूरा दिन पुलिस पिकेट एवं लगातार पुलिस की गश्त होने के बाद भी निर्भीक हो किया गया मुख्य मार्ग पर अतिक्रमण अपने आप मे कई सवाल उठाते है। आखिर किस की क्षत्रक्षाया में अतिक्रमण कर रहे लोगो के है हौसलें बुलंद, नही शासन प्रशासन का भय कोविड काल में लागू राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट (NDMA) के सेक्शन 51/60 एवं आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत क्या होगी ऐसा लोगो एवं इनके हितैषियों पर कार्यवाही।
अतिव्यस्त कोपरगंज चौराहा जहाँ आम दिनचर्या के दिनों में घण्टो का जाम स्वाभाविक है, दर्जनों छोटे छोटे ट्रांसपोर्ट के चलते मिनी ट्रांसपोर्ट नगर के नाम से धीरे धीरे प्रसिद्ध होता कोपरगंज चौराहा जाम के साथ दुर्घटनाओं के लिए भी बदनाम है बीते माह होली मेला की रात अतिक्रमण की बलि लक्ष्मीपुरवा निवासी एक गरीब रिक्शाचालक बना जो कि रोड किनारे किये गए अवैध अतिक्रमण के चलते सड़क पर पूर्ण दिखाव (दोनो और से आने जाने के रास्ते के साफ न दिख पाना) न होने के कारण तेज़ रफ़्तार ट्रक के नीचे दब अपनी जान गवा बैठा और अपने पीछे छोड़ गया तीन मासूम बच्चियां असहाय पत्नी एक सावल के साथ हमारी गलती क्या है क्यो शासन प्रशासन धृतराष्ट्र बन जाता है, मन मर्ज़ी है तो नगर निगम गली में भी अतिक्रमण धराशायी कर देने में सक्षम है अन्यथा इतने व्यस्त रोड पर भी अधिकारी सिर्फ गाड़ियों में बैठ गुज़र मात्र जाते है, नज़रअंदाज़ करते हुए जनता की समस्याओं को जिसका निवारण करना उनका दायित्व है।
वर्तमान समय तो स्वयं कानपुर मेयर श्रीमती प्रमिला पांडे भी सूत्रों अनुसार कोविड पॉजिटिव है और नगर निगम गेस्ट हॉउस से ही कॉरेन्टीन हो अपने स्वास्थ की देखभाल के साथ बाक़ी कार्यो की औपचारिकता पूर्ण कर रही है। देखते है कब जागेगा नगर निगम एवं क्षेत्रीय प्रशासनिक अमला और निजात दिलाएगा हर ओर से त्रस्त जनता को।
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