तिवारी की शिकायत है कि तीन जुलाई की शाम पांच बजे सपा के नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष आनन्द चौधरी की जीत के उपलक्ष्य में विजय जुलूस निकाला गया था और उस दौरान कुछ युवाओं ने उपेंद्र तिवारी और उनके परिवार तथा रिश्तेदारों के लिए कथित तौर पर अश्लील और अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। इस बीच अम्बिका चौधरी ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य मंत्री तिवारी ने सार्वजनिक मंच से भाजपा नेताओं की मौजूदगी में अपशब्द कहे। उन्होंने कहा कि उनके दल के किसी नेता ने इसके विरोध में कोई अशिष्ट प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा को बदनाम करने और पार्टी नेताओं के विरुद्ध फर्जी मुकदमा दर्ज कराने के लिए भाजपा ने साजिश के तहत सड़क पर अपने लोगों को भेजकर नारेबाजी करायी है। राज्य मंत्री उपेंद्र तिवारी के परिवार ने मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए क्योंकि नारों में मंत्री की नौ और 11 साल की दो नाबालिग बेटियों को उनकी मां के साथ निशाना बनाया गया था।
सोमवार को लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए उपेंद्र तिवारी ने कहा, इस तरह की घटना बलिया के इतिहास में कभी नहीं हुई थी। जब मैं समाजवादी पार्टी की लहर के बीच 2012 का विधानसभा चुनाव जीता था, तब मैंने न तो जश्न मनाया था और न ही मैंने किसी गलत शब्द का इस्तेमाल किया था। तिवारी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में अपराधियों और माफिया के लिए कोई जगह नहीं है और बलिया के राजनीतिक परिदृश्य में उनके प्रवेश से अंबिका चौधरी और नारद राय परेशान हैं। तिवारी ने सवाल उठाया कि मेरी माँ, बहन और बेटियों पर अपशब्द क्यों कहे गये हैं। हालांकि उन्होंने अंबिका चौधरी के खिलाफ कोई अभद्र टिप्पणी करने से इनकार किया। इस मामले पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर मंत्री की मां ने कहा, मैं क्या कहूं, उन्होंने अभद्र का इस्तेमाल किया और ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई थी। उन्होंने आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। इस बीच, मंत्री की पत्नी ने मांग की कि आरोपी लोगों के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
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