कानपुर:- राशन की सरकारी कोटे वाली दुकान की दिक्कतों से निजात की उम्मीद। जल्द ही देश में टेलीकॉम कंपनी, गैस कनेक्शन की तरह राशन दुकानों में भी पोर्टेबिलिटी सिस्टम लागू होने वाला है। इस व्यवस्था के बाद कोटेदार से असंतुष्ट उपभोक्ता किसी अन्य कोटेदार से जुड़ सकेंगे। इसके साथ ही राशन कार्ड को आधार से लिंक करने के बाद उपभोक्ताओं को कई अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।
शहरों के बाद गांवों में मिलेगी सुविधा
भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव रविकांत ने शर्करा एवं प्रशासन विभाग के संयुक्त सचिव सुभाशिष पांडा के साथ राष्ट्रीय शर्करा संस्थान का निरीक्षण करने के साथ दो बड़ी योजनाओं की आधारशिला रखी। कार्यक्रम के बाद रविकांत ने कहा कि राशन विभाग में ‘लीकेज’ (भ्रष्टाचार और कालाबाजारी) को बंद करने की तैयारी है। इसके लिए डिजिटलाइजेशन का काम तेजी से चल रहा है। देश के सभी शहरों में करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। शहरों में डिजिटलाइज्ड होने के बाद गांवों में इसे शुरू किया जाएगा। सभी उपभोक्ता जब आधार से लिंकअप हो जाएंगे, तब राशन दुकान की पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी मिल जाएगी। सभी कोटेदारों के पास पीओएस मशीन होगी। इससे उपभोक्ता प्रदेश के किसी भी शहर के कोटेदार से राशन ले सकेंगे।
राशन के लिए अंगूठे संग ओटीपी रहेगा विकल्प
आधार नंबर से राशन कार्ड को लिंक के बाद बिना अंगूठा लगाए राशन नहीं मिलेगा। विभाग इसके विकल्प के रूप में ओटीपी को भी रखने की तैयारी में है। अभी तक मुखिया के अंगूठे से ही राशन मिलता है, लेकिन जल्द सभी सदस्यों का आधार लिंक होने के बाद यह सुविधा सभी को मिल सकेगी। सचिव रविकांत ने बताया कि डिजिटलाइजेशन के बाद कोटेदारों को राशन लेने के लिए आरएफसी नहीं जाना होगा। सरकार की जिम्मेदारी होगी कि राशन को संबंधित कोटेदार की दुकान पर पहुंचाए। दुकान पर राशन पहुंचते ही क्षेत्र के 50 उपभोक्ताओं के मोबाइल पर राशन पहुंचने का मैसेज भेजा जाएगा। इन 50 लोगों के मोबाइल नंबर को केंद्र सरकार एक डाटा से कनेक्ट करेगी।
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