कानपुर:- गणतंत्र दिवस के मद्देनजर सेंट्रल स्टेशन में चौकसी अभियान चलाया गया। इसमें जीआरपी व आरपीएफ की संयुक्त टीम ने प्लेटफार्म से लेकर स्टेशन के चप्पे-चप्पे को खंगाला। चेकिंग कर रही टीम डॉग एस्क्वॉयड और बम निरोधक दस्ता भी शामिल रहा। कई ट्रेनों को भी खंगाला गया।
सेंट्रल स्टेशन की गिनती प्रदेश के अति संवेदनशील स्टेशनों में की जाती है। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को देखते हुए बुधवार को चेकिंग अभियान चलाया गया। प्लेटफार्म में खासतौर से काले बैग पर विशेष निगाह रखी गयी। उनको खोलकर मेटल डिटेक्टर से देखा गया। बम निरोधक दस्ते ने डॉग स्कवॉयड के साथ प्लेटफार्म-1 में खड़ी मुरी एक्सप्रेस को खंगाला गया। यात्रियों से पूछताछ की गयी। उनको बताया गया कि कोई भी संदिग्ध वस्तु देखते ही तुरंत गाड़ी के स्टॉफ को जानकारी दे। इसके साथ सहयात्रियों पर भी नजर रखे रहे। अगर उनकी गतिविधि संदिग्ध दिखायी दे तुरंत पुलिस को सूचना करके अच्छे नागरिक की जिम्मेदारी का निर्वाहन करें। इसके अलावा नंदन कानन एक्सप्रेस, राप्ती सागर समेत कई ट्रेनों की जांच किया। इसके बाद सभी प्लेटफार्मों में तलाशी अभियान चलाया गया। कैंट साइड से सिटी साइड बने स्टैंड में खड़े वाहनों को सघन जांच किया। जीआरपी प्रभारी राममोहन राय, आरपीएफ प्रभारी राजीव वर्मा समेत भारी पुलिस बल था।
राप्तीसागर में किन्नरों का हंगामा, यात्री को पीटा
राप्तीसागर के स्लीपर कोच में तीन किन्नरों ने पैसे न देने पर जमकर हंगामा किया। यात्री से मारपीट भी की। झकरकटी पुल के पास तीनों किन्नर कूदकर भाग गए।
त्रिवेंद्रम से गोरखपुर जा रही राप्तीसागर एक्सप्रेस के स्लीपर कोच एस-5 में किन्नरों ने जमकर हंगामा किया। इस कोच में सफर कर रहे घंटाघर निवासी संतोष कुमार ने बताया कि पैसा न देने पर पेट में लांत-घूसे मारे। कई यात्रियों ने विरोध किया तो उनके साथ गाली-गलौज करने लगे। उनकी हरकतों को देखकर कोच में सफर कर रही महिलाएं दहशत में आ गईं। कई महिलाओं ने अपने बच्चों को गोद में छुपा लिया। करीब पौन घंटे चले इतने हंगामे के बाद भी कोई टीटीई तक नहीं आया। इसके बाद कई यात्रियों से 20-20 रुपये लेकर चले गए। इसी तरह कई कोच में उगाही करने के बाद चुपचाप बैठ गए। इसके बाद जब गाड़ी झकरकटी के आउटर में पहुंची तो रफ्तार कम होते ही कूद कर रेलबाजार की तरफ भाग गए।
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