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गुरुवार, 8 फ़रवरी 2018

#साहब कहते है समाप्त हो गई, पर हम कहते है नही हुई। क्या ? जानने के लिए पढ़िए ये खबर.........


कानपुर 8 फरवरी 2018:- साहब कहते है खत्म हो गई, पर हम कहते है नही हुई कम। क्या आरटीओ में दलाली। आज भी आरटीओ में दलाल सक्रिय है बिना उनके कोई भी कार्य कराना असम्भव सा प्रतीत होता है। पर सरकार और प्रशासन की कान में जू तक नही रेंग रही परेशान हो रहा है सिर्फ और सिर्फ वाहन स्वामी।

बीते दिनों परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह झकरकटी बस स्टेशन पर आए थे और उन्होंने कहा था कि मैं फक्कड़ हूं मैंने राजनीति में देश की सेवा करने के लिए कदम रखा है और ईमानदारी से मैं अपना काम कर रहा हूं इन्हीं ईमानदार परिवहन मंत्री के विभाग आर.टी.ओ. कार्यालय में कदम कदम पर रिश्वतखोरी /भ्रष्टाचार व्याप्त है और आम आदमी जब अपने वाहन का विभागीय कार्य कराने के लिए विभाग में जाता है तो कर्मचारी इतना गुमराह कर देते हैं कि मजबूर होकर उसको आर.टी.ओ.दलाल की शरण में जाना पड़ता है और यहीं से शुरू होता है अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक रिश्वतखोरी का खेल इसी खेल की एक बानगी से हम आपको परिचित कराते हैं।

पूर्व में हम आपको बता चुके है "#आरटीओ डाल रहा वाहन स्वामी की जेब मे डाका#"

लेकिन अब इन्हीं ईमानदार मंत्री जी के भ्रष्ट अधिकारियों ने नए पैतरे के साथ नई परंपरा की शुरुआत कर दी है वाहनों की फिटनेस पॉइंट में होने वाली इस 20/-की अवैध वसूली फिटनेस फीस के साथ अवैध तरीके से ली जा रही है।

भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना दिखाकर सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाली भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में संभागीय परिवहन कार्यालय में कदम-कदम पर भ्रष्टाचार/रिश्वतखोरी व्याप्त है उदाहरण तो कई है किंतु एक उदाहरण से आपको समझाने का प्रयास कर रहे हैं दरअसल लगभग तीन वर्षों से कमर्शियल वाहनों की फिटनेस पॉइंट(आर. आई.द्वारा वाहनों की चेकिंग) सर्वोदय नगर में आए दिन जाम लगने के कारण पनकी ट्रांसपोर्ट नगर में स्थानांतरित कर दिया गया था वहां पर प्रत्येक कार्य दिवस पर एक आर.आई वाहनों को चेक करने के लिये और एक चपरासी वाहन का चेसिस संख्या फॉर्म में उतारने के लिए ड्यूटी लगाई गई थी किंतु चपरासी पुष्पेंद्र द्वारा गुर्गे लगा कर चेसिस संख्या अवैध वसूली कर उतारे जाते हैं चपरासी पुष्पेंद्र द्वारा इन गुगों से मोटी रकम की उगाही की जाती है इसी चपरासी की अवैध वसूली की भरपाई करने के लिए वाहन स्वामी से 20-20 रुपये की अवैध वसूली कर वाहन स्वामी की जेब में डाका डाला जाता है वाहन स्वामी द्वारा न देने पर अक्सर गुर्गे मारपीट व गाली गलौज पर उतारू हो जाते हैं सबसे ज्यादा हास्यास्पद बात तो यह है कि यह सब वहां मौजूद अधिकारियों के आंखों के सामने होता है और अधिकारी मूकदर्शक बने रहते हैं ।

आगे हम आपको बताएंगे कि वाहनों की फिटनेस मात्र में ही इन्ही ईमानदार मंत्री जी के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों का कहां-कहां और कितना-कितना हिस्सा रहता है। आगे की जानकारी के लिए बने रहे हमारे साथ।

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