उन्नाव(विपिन सिंह):- इसे वन विभाग का कारनामा कहें या काहिली। अलीगढ़ की हरियाली को उजाड़ कर उन्नाव को हरा भरा किया जाएगा। 350 किमी दूर अलीगढ़ के लोग उन्नाव की ठंडी बयार को अपने यहां महसूस करेंगे। इस कारनामे को करने जा रहा है उप्र का वन विभाग।
दरअसल, उन्नाव से 350 किलोमीटर दूर अलीगढ़-पलवल मार्ग को फोरलेन किया जा रहा है। इसकी वजह से यहां 10,500 पेड़ों को काटा जा रहा है। कोर्ट का नियम है कि विकास योजनाओं में जितने पेड़ काटे जाएंगे उनके बदले दोगुना रोपेंगे। इसीलिए वन विभाग अलीगढ़ से 350 किमी दूर उन्नाव में 10500 पौधों को रोपेगा। उन्नाव में वृक्षारोपण किए जाने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि क्योंकि अलीगढ़ में पेड़ लगाने के लिए वन विभाग को जमीन ही नहीं मिल रही है। अलीगढ़ में ही 1000 हेक्टेयर भूमि है, लेकिन यह पचड़े में फंसी है वनविभाग को यह निर्णय लेना पड़ रहा है।
अलीगढ़-पलवल मार्ग 514 करोड़ से फोरलेन बनाया जा रहा है। इसके लिए सरकार 36 करोड़ रुपये दे चुकी है। पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड के मुताबिक शहर किनारे नादा पुल से टप्पल में यमुना पुल तक 106 हेक्टेयर जमीन में लगे 7500 पेड़ कटेंगे। यह काम वन विभाग करेगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी 7.50 करोड़ चुकाएगा।
7500 काटेंगे, रोपेंगे 15 हजार यहां 7500 पेड़ों को काटा जाएगा। इसके बदले 15 हजार पौधे रोपने होंगे। रोपाई पर तीन करोड़ खर्च होंगे। चार करोड़ रुपये जमीन के लिए मिलेंगे। 50 हजार रुपये पौधों के रखरखाव आदि में खर्च होंगे। फरवरी अंत तक पीडब्ल्यूडी पैसा दे देगा। वन विभाग का दावा है कि अलीगढ़ में एकमुश्त 200 हेक्टेयर जमीन नहीं मिल रही। इस कारण 30 फीसद (4500) पौधे अलीगढ़ और 70 फीसद (10,500) पौधे उन्नाव में वन विभाग की खाली जमीन पर लगाए जाएंगे।
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