कानुपर:- उत्तर प्रदेश शासन, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ अनुभाग द्वारा कानपुर के तनवीर हैदर उस्मानी को उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नामित किया गया है। उक्त नोनयन के साथ साथ उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग में सदस्य भी नामित किये गये हैं। जिनमें कानपुर से ही सोफिया अहमद को सदस्य नामित किया गया है। हैदर के अध्यक्ष बनाए जाने पर लोग खासे खुश हैं। बजरिया निवासी भाजपा नेता मूसा खान ने कहा कि हमारे शहर के लिए खुशी की बात है। बताया, कांग्रेस, सपा और बसपा को गुमराह कर वोट लेते रहे, पर समाज का विकास नहीं किया। हैदर के अध्यक्ष बनने से अब मुस्लिम समाज का विकास होगा और वह भी देश के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगा।
कौन हैं हैदर उस्मानी
तनवीर हैदर उस्मानी 1974 से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े रहे और सक्रिय रूप से रामजन्म भूमि आन्दोलन में भी भाग लिया। 1989 में कार सेवा करते हुये उन्होने गिरफ्तारी भी दी। 1992 से 1995 तक उत्तर प्रदेश भाजपा में अल्पसंख्यक मोर्चें के अध्यक्ष के रूप में काम किया। 1994 से 2000 तक एमएलसी रहे। कानपुर-बुंदलेखंड मीडिया प्रभारी मोहित पांडेय ने बताया कि हैदर 2004 से 2007 तक भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सेवायें प्रदान की। साथ ही लालकृष्ण आडवानी, राजनाथ सिंह , वैकेया नायडू, के साथ भी काम किया। 2007 से 2014 तक वे भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य रहे। उस्मानी ने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा व राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की एक संयुक्त टीम भी बनाई है। इन्हें उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के प्रदेश प्रभारी के रूप में 2014 के लोकसभा चुनाव में जिम्मेदारी भी दी गई थी।
मुस्लिम समाज का होगा विकास
वर्तमान में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कमेटी में सदस्य के रूप में भी जिम्मेदारी देख रहे हैं। अल्पसंख्यक, पिछड़ा और दलित समुदाय के लिये कई संगठनां के साथ मिलकर काम किया। कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने बताया कि उस्मानी कानपुर में मुस्लिम समाज के लिए बहुत काम किया। उस्मानी ने भाजपा में रहते हुए मुस्लिम समाज को पार्टी के साथ लाने में अहम रोल अदा किया। इनके अध्यक्ष बनने से प्रदेश के मुस्लिम समाज का उत्थान होगा। मानवेंद्र सिंह ने कहा कि योगी सरकार सबका-साथ, सबके विकास के तहत काम कर रही है। उस्मानी के अध्यक्ष बनने से गरीब, पिछड़े जबके का विकास होगा।
सोफिया को बनाया गया सदस्य
24 साल की कॉमर्स ग्रेजुएट ने फरवरी 2017 में ट्रिपल तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सोफिया को अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य बनाया गया है। उन्होंने बताया कि हमारे और प्रदेश व कानपुर के लोगों के लिए खुशी की बात है कि उनकी बेटी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। सोफिया ने बताया कि उन्होंने दिसबंर 2016 में भाजपा ज्वाइन की थी। मैंने तीन तलाक को लेकर प्रमुखता से आवाज उठाई और कोर्ट ने महिलाओं के हक में फैसला सुनाई। सोफिया ने राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार के शख्स से शादी की थी। तीन तलाक के बाद उनका रिश्ता खत्म हो गया था। तीन तलाक पर उच्चतम न्यायलय के फैसले के बाद सोफिया ने कहा था कि बीजेपी में शामिल होने का फैसला गलत नहीं था।
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