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शनिवार, 24 फ़रवरी 2018

कानपुर - नजीराबाद क्षेत्र में चल रहा सट्टा, युवाओं का भविष्य खतरे में


कानपुर 24 जनवरी 2018 (सूरज वर्मा). सूबे के मुखिया की लाख कोशिशों के बावजूद शहर के थानों में बैठे कुछ थानेदार योगी जी के मंसूबों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। आज कल अपनी जेब भरने के चक्कर मे शहर की पुलिस अपराधियों को संरक्षण दे रही है और युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेल रही है।



शहर में इन दिनों खुलेआम चल रहे सट्टा कारोबार पर अंकुश न लगने से युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। शहर की घनी बस्ती में स्थानीय थाने की पुलिस की मिलीभगत के चलते धडल्‍ले से चलाये जा रहे इस धन्‍धे से कई परिवार तबाह हो चुके हैं।


ताजा मामला नजीराबाद थाना क्षेत्र का है, सूत्रों के अनुसार यहां के सरोजनी नगर, रंजीत नगर और मतैया पुरवा क्षेत्रों में धड़ल्‍ले से सट्टा कारोबार चलाया जा रहा है। शहर के एक तथाकथित पत्रकार ने भी इस सट्टा माफिया को संरक्षण दे रखा है। आरोपों के अनुसार आजकल स्‍थानीय थाने की पुलिस की मिलीभगत के चलते सट्टा बेधड़क जारी है

सूत्रों के अनुसार सट्टा माफिया द्वारा सट्टा चलाने के एवज में स्थानीय पुलिस को इसका साप्ताहिक नजराना भी पहुँचाता है। जिसे ईमानदारी पूर्वक ऊपर बैठे अधिकारियों तक भी पहुँचाया जाता है। जिसके चलते सट्टा माफिया के रास्ते मे कोई भी अवरोध नहीं होता और सट्टा भी बेधड़क जारी रहता है। सूत्रों के अनुसार सट्टा माफिया आशिक़ अली ऊपर नजीराबाद समेत शहर के विभिन्न थानों से कई मुकदमे दर्ज हैं.


*आशिक़ अली को कई बार सट्टे के मामलों में गिरफ्तार किया गया है*
विगत कुछ वर्षों पूर्व सट्टा माफिया आशिक़ अली पुलिस की वर्दी पहनकर सपा नेता मुकुल सैनी के घर मे घुसकर सपा नेता के ऊपर तमंचा तानने में भी जेल जा चुका है जिसमे उसके पास से 2 तमंचे और पुलिस की वर्दी भी बरामद की गयी थी*

सरोजनी नगर निवासी समीर शर्मा ने हमारे संवाददाता को बताया कि नजीराबाद क्षेत्र में आशिक़ अली नाम का सट्टा माफिया खुले आम सट्टा एवं जुये का व्‍यापार चला रहा हैं। स्‍थानीय जनता ने इसकी शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की, लेकिन पुलिस पुलिस की मिलीभगत के चलते अभी तक सट्टे पर रोक नहीं लग पायी है। श्री शर्मा ने यह भी कहा कि विरोध करने पर ये लोग मारपीट और गाली गलौज पर उतारू हो जाते हैं, जिससे जनता में भय का माहौल व्‍याप्‍त है।


स्‍थानीय जनता की माने तो इन सट्टा माफियाओं को प्रशासन का कोई डर नहीं है। कई अखबारों में इस प्रकरण से जुड़ी खबरें चलने एवं छापे पड़ने के बावजूद रंजीत नगर, सरोजनी नगर एवं मतैया पुरवा में अभी भी खुले आम सट्टा चल रहा है। आरोप तो ये भी लग रहे हैं कि सट्टा कारोबारियों से कुछ स्‍थानीय पुलिसकर्मियों की साठ-गांठ होने के कारण पुलिस इन पर कार्यवाही करने में कतराती है। कहते हैं कि पुलिसवाले अगर चाह ले तो उनके इलाके में परिंदा भी पर नहीं मार सकता, अपराध करना तो दूर की बात है। एैसा नहीं है कि सारे पुलिस वाले बेईमान हैं, बहुत से ईमानदार भी हैं और उन्‍हीं के सहारे ये देश चल रहा है। पर अगर ईमानदारों का प्रतिशत थोड़ा सा और बढ जाये तो ये देश दौड़ने लगेगा।



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