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मंगलवार, 6 मार्च 2018

घाटमपुर, बिल्हौर तहसीलों का न्यायिक क्षेत्राधिकार न बदलने को लेकर अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

घाटमपुर, बिल्हौर तहसीलों का न्यायिक क्षेत्राधिकार न बदलने को लेकर अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

 कानपुर देहात - 6/03/2018 घाटमपुर, बिल्हौर तहसीलों का न्यायिक क्षेत्राधिकार कानपुर देहात जनपद न्यायालय में बनाए रखने, व इन तहसीलों का प्रशासनिक क्षेत्राधिकार कानपुर नगर से से हटा कर पुनः कानपुर देहात में जोड़े जाने की मांग को लेकर जनपद न्यायालय में पिछले एक वर्ष से अधिक समय से सप्ताह में एक दिन मंगलवार को अधिवक्ताओ की न्यायिक कार्यो से विरक्तता का क्रम अब मंगलवार के दिन के स्थान पर शनिवार के दिन जारी रहेगा। यह बात सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह चौहान ने बताई। जितेन्द्र चौहान ने बताया कि इस सम्बंध में अधिवक्ताओ की एक बैठक एकीकृत बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ कटियार की अध्यक्षता में तय कर सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया। इसके पूर्व अधिवक्ताओ का एक समूह एकीकृत बार एसोसिएशन के तत्वावधान में जिलाधिकारी कार्यालय कानपुर देहात पहुँचा और उपरोक्त माँग को लेकर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन को सम्बोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंपा। एकीकृत बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ कटियार ने कहा कि उपरोक्त के सम्बंध में अधिवक्ताओ का एक प्रतिनिधि मण्डल प्रशासनिक न्यामूर्ति से अति शीघ्र मिलने जायेंगे और समस्या की गम्भीरता से उन्हें अवगत कराया जायेगा। एकीकृत बार एसोसिएशन के महामंत्री शशिभूषण सिंह चौहान व जिला अधिवक्ता संघर्ष समिति के संयोजक संजय सिंह सिसोदिया ने कहा कि कानपुर देहात जनपद न्यायालय भवन व जिला जेल का निर्माण करोड़ों रुपये खर्च कर किया गया है। जहाँ बत्तिस न्यायालयों की स्थापना के साथ लगभग तीन हजार कैदियो को रखने की क्षमता युक्त साफ स्वक्ष जेल का निर्माण शासन द्वारा कराया गया और जनपद कानपुर देहात न्यायालय में वर्तमान में करीब साथ 65 हजार मुकदमे ही विचाराधीन है। जबकि कानपुर नगर जनपद न्यायालय में विचाराधीन वादों की संख्या लाखो में है औऱ यदि कानपुर देहात जनपद न्यायालय के न्यायिक क्षेत्राधिकार से घाटमपुर, बिल्हौर तहसीलों को हटाया गया तो इन तहसीलों के लगभग 30 से 35 हजार मुकदमे कानपुर नगर चले जायेंगे। जिससे कानपुर देहात के नये भवन में मुकदमों के सीघ्र निस्तारण हेतु न्यायिक कार्य स्थानांतरित करने की मंशा का हनन होगा तथा यहाँ के जेल में बंद होने वाले कैदियों को पशुओं की तरह कानपुर कारागार में निरूद्व रहना होगा। पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामदेव सिंह ने वादकारियों के हित में संघर्ष जारी रखने की बात कही। प्रमुख रूप से पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम कटियार,रमेश पाण्डे, अन्जनी कटियार,विशाल सिंह,जितेन्द्र निगम,राकेश कटियार,राजीव कटियार,अवधेश जादौन, अरविन्द कुशवाहा, अनूप पाण्डेय मुलायम सिंह यादव, सन्दीप कुमार पाण्डे, पूर्व महामन्त्री हरिचरण कुशवाहा,महेन्द्र मोहन श्रीवास्तव सहित भारी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।

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