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बुधवार, 18 अप्रैल 2018

बस कंडक्टरो की दबंगई से नेत्रहीन भी हलकान-करेंगे आंदोलन अगर नही मिला।आत्म सम्मान




(मो0 नदीम) के साथ मोहित पांडे की रिपोर्ट

*(कानपुर 19 अप्रैल 2018)* सरकार ने जनता हित के लिए सैकड़ो ऐसी योजनाए बनाई है जिससे मध्यमवर्गीय परिवारो को कुछ राहत मिल सके कुछ योजनाए तो ऐसी भी है जो नियमावली के अनुसार लोगो को निशुल्क सेवाए भी प्रदान करती है.जिसका लाभार्थी को तुरंत लाभ मिलता है लेकिन इन योजनाओं का लाभ तभी मिल सकता है जब सरकारी विभाग पूरी तत्परता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करे


 बताना चाहेंगे थाना बाबू पूर्वा अंतर्गत झकरकटी उत्तर प्रदेश परिवहन अंतरराज्जीय बस अड्डे से रोज़ाना सैकड़ो यात्री अपनी मंजिल पर पहुचने के लिए सफर करते है कुछ दिव्यांग नेत्रहीन भी अपनी मंजिल पर पहुचने के लिए एक बस पर चढ़कर बैठ गए कुछ देर बात बस कंडक्टर ने दिव्यांगों से टिकट बनवाने के लिए कहा तो एक दिव्यांग ने टटोलकर अपने झोले में से सरकार द्वारा जारी किया निशुल्क पास कंडक्टर को थमा दिया पास को बिना देखे ही कंडक्टर से दिव्यंगों से चिल्लाते हुए कहा तुम सब अंधे बनने का नाटक कर रहे हो ये पास मेरी बस में नही चलेगा ये किसी और बस में जाकर चलाओ इस पर दिव्यांग ने कहा हम सब सौ प्रतिशत नेत्रहीन है और हमारा पास बिल्कुल निशुल्क है मैं सुबह ही लखनऊ से निशुल्क कानपुर आया था इस पर भड़कते हुए कंडक्टर ने कहा मैं सत्ताईस साल से नौकरी कर रहा हु तुम्हारे जैसे सैकड़ो लोगो से रोजाना पाला पड़ता रहता है जो साठ प्रतिशत अंधे होते हुए सौ प्रतिशत अंधे बनने का नाटक करते है टिकट लो नही तो उतरो वरना धक्का देकर बस से उतार दूंगा इस पर एक दिव्यांग ने कहा ठीक है मैं टिकट बनवा लूंगा पहले मेरी अपने अधिकारियों से बात करा दो जिससे पता तो चले दिव्यंगों के लिए क्या नियमावली है इस पर कंडक्टर ने भद्दी भद्दी गालिया देते हुए कहा मैं किसी भी नियम को नही मानता हु मेरी बस में सफर करना है तो टिकट बनवाओ वरना उतरो बस से ये कहते हुए उसने दिव्यंगों को बस से धक्का देकर उतार दिया घटना से क्षुब्ध होकर दिव्यांगों ने परिवहन विभाग के आलाधिकारियों से बात करके अपनी पीड़ा बतानी चाही तो अधिकारियों ने भी पल्ला झाड़ते हुए अपने मातहत का ही पक्ष लेते हुए ये कहा कि नियमावली के तहत ही सफर करना चाहिए अगर कंडक्टर ने आप लोगो का टिकट बना दिया था तो आपको उस पर गुर्राना नही चाहिए था ये कहकर सभी अधिकारी कुंडी चढ़ाकर आफिस बन्द कर रफूचक्कर हो गए ये सारा घटनाक्रम बाबू पुरवा पुलिस की पिकेट देखती लेकिन किसी भी सिपाही ने पास आकर मामले को समझने की कोशिश नही की


 *इंसाफ नही मिला तो दिव्यांग करेंगे टाटमिल चौराहा जाम*


मामले की तह तक जाने के लिए जब हमने नेत्रहींन दिव्यंगों से बात की तो उनका कहना था कि कंडक्टर पूरी तरह से नशे में था सोचा बड़े अधिकारी हमारी बात सुनेंगे लेकिन उन्होंने भी अपने मातहत का ही साथ देते हुए हमें दो टूक सा जवाब देकर चलते बने ज्यादा रात हो जाने के कारण हम लोग कोई कार्यवाही नही कर पा रहे है यहां पर कोई किसी की सुनने वाला नही दिख रहा है चारो तरफ भ्रष्टचार फैला हुआ है ड्राइवर कंडक्टर मनमानी पर उतारू दिख रहे है बिना टिकट काटे यात्रियों को ढोया जा रहा है अधिकारियों की मिली भगत से राजस्व का रोज़ाना लाखो का चुना लगाया जा रहा है खुलेआम टैक्स चोरी का माल भी बसों में लोड हो रहा है पुलिस मूकदर्शक बनी सारा तमाशा देखती नजर आ रही है दिव्यंगों का कहना है कि हम लोग रविवार ग्यारह बजे परिवहन विभाग के आला अधिकारियों से बात करेंगे अगर उन्होंने हमारे साथ कंडक्टर द्वारा की गई अभद्रता को लेकर कोई सार्थक विकल्प निकालकर मांन सम्मान के साथ इंसाफ नही किया तो हम सब दिव्यांग मिलकर एक बड़े आंदोलन को अंजाम देंगे जो टाटमिल चौराहे से शुरू होगा इससे भी अगर बात नही बनी तो हम और आगे जाएंगे अपने आत्म सम्मान के लिए 


बहरहाल मामला कुछ भी हो आए रोज परिवहन कर्मचारियों की दबंगई से यात्रियों को तो दिक्कत हो रही है वही राजस्व को भी रोजाना लाखो का चूना लग रहा है जिसकी वजह से परिवहन विभाग ने पिछले कई सालो से आन्धाधुन्ध किराए में बढ़ोत्तरी के बावजूद बसे घाटे में चल रही है अगर जल्द ही परिवहन मंत्री ने विभागीय भ्रस्टाचार कर उजागर होने के बाद भी कोई ठोस कदम नही उठाए तो वो वक्त दूर नही जब सरकारी बसो को यात्री ढूंढे नही मिलेंगे


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