रिपोर्ट:-अमित कश्यप के साथ शुभांकर
*1:- अपर आवास आयुक्त /अपर निबंधक सहकारिता अनुभाग द्वारा कभी भी जिले का दौरा न करना ।*
*5:-जिले स्तर के अधिकारी द्वारा कभी भी समिति की भूमि पर मौका मुआयना न करना बल्कि भूमाफियाओं से साठगांठ करने उनके बचाओ कार्य में लगे रहना*
कानपुर:- योगी सरकार जहां भूमाफियाओं पर जमकर प्रहार करते हुए अपने आप को एक साल नई मिसाल का पैगाम दे रहे है लेकिन ये सब हकीकत में हो रहा है तो ऐसा कुछ भी नही है क्यों की योगी तो सख्त हिदायत दे कर सरकारी मशीनरी को ईमानदार हो कर काम करने की सलाह दे रहे है लेकिन उनके अधिकारी अपनी मनमानी करने में जरा सा भी चूक नही रहे है और चूक भी क्यों जाये क्यों की मनमानी करने की आदत जो पड़ी है । हमारी पड़ताल में कानपुर की एक सांस्कृतिक गृह निर्माण सहकारी समिति का पता चला जो की शुरुवात से भ्रष्टाचार में डूबी है और अधिकारियो ने इसकी सुध तब ली जब इसमें करोड़ो का घोटाला हो चूका था और फिर हुआ क्या सेटिंग गेटिंग का खेल चालू हुआ करोड़ो का घोटाला करने के बाद सिर्फ जाँच पर जाँच का खेल चालू है गिरफ्तारी और वसूली के नाम पर शून्य।
सहकारी आवास समितियों में भ्रष्टाचार होने का मुख्यकारण
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सहकारी आवास समितियों का संचालन उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद् के अंतर्गत एक सहकारिता अनुभाग से संचालित होता है जिसका मुख्य अपर आवास आयुक्त / अपर निबंधक होता है ।
*1:- अपर आवास आयुक्त /अपर निबंधक सहकारिता अनुभाग द्वारा कभी भी जिले का दौरा न करना ।*
*2:-समिति के अकाउंट का निजी व्यक्तियों से ऑडिट होना*
*3:-समिति सचिव एवं अध्यक्ष का भूमाफियाओं से तालमेल होना*
*4:- समिति के सदस्यों की उच्चाधिकारियो द्वारा शिकायतों को ध्यान न देना ।**5:-जिले स्तर के अधिकारी द्वारा कभी भी समिति की भूमि पर मौका मुआयना न करना बल्कि भूमाफियाओं से साठगांठ करने उनके बचाओ कार्य में लगे रहना*
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