(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज)अभिषेक जयसवाल की रिपोर्ट 22/01/19 महाराजपुर पुलिस ने देररात गिरोह के 11 सदस्यों को पकड़ा, पुलिस की पूछताछ में शातिरों ने कुंभ में तीस सदस्यों के सक्रिय होने की जानकारी दी है।
कानपुर। पिछले एक माह से कानपुर पुलिस को बावरिया गिरोह की शहर में छिपे होने की जानकारी मिल रही थी। जिसके चलते कई थानों की पुलिस पीएसी की मदद से सघन तलाशी अभियान चलाया हुआ था। देररात प्रयागराज और कानपुर हाईवे में महाराजपुर पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी, तभी एक कार को रोका। उसकी तलाशी पुलिस ने ली तो बावरिया गिरोह के ग्यारह सदस्य हाथ लग गए। जिनमें 6 महिला भी शामिल हैं। सभी कुम्भ जा रहे थे, जहां इन्हें बड़ी वारदात को अंजाम देना था। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि गैंग के तीस सदस्य इस वक्त कुम्भ में संतो के भेष में मौजूद हैं।
बावरिया के 30 सदस्य प्रयागराज में मौजूद
पिछले एक माह के दौरान कानपुर में बावरिया गिरोह की सूचना पुलिस को मिली थी। पुलिस गिरोह के सदस्यों को दबोचने के लिए लगातार दबिश अभियान चलाया हुआ था। इसी बीच देररात महाराजपुर पुलिस की तलाशी के दौरान बावरिया गैंग के 11 सदस्य हत्थे लग गए। कार में एक दर्जन महिला व पुरुष सवार थे, जो सभी हरियाणा राजस्थान सीमवर्ती इलाकों के रहने वाले हैं। पुलिस की पूछताछ में उन्होंने प्रयागराज जाने की बात कही। कार के अंदर गांजा, चार सरिया, पेचकस, हथौड़ी व अन्य उपकरण मिले। सभी के साथ पुलिस के अलाधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। साथ ही प्रयागराज की पुलिस को भी बावरिया गिरोह के बारे में जानकारी दे दी गई है।
6 महिलाओं समेत 11 गिरफ्तार
पुलिस की गहन पूछताछ के बाद सभी सदस्य बावरिया गिरोह के निकले। इनमें छह महिलाएं भी शामिल हैं। पकड़े आरोपी शिवकुमार बावरिया निवासी ग्राम खोड़ हटेली महेंद्रगढ़ हरियाणा, रवि बावरिया निवासी मोहर मंडी थाना मोठ भटिंडा पंजाब, मीरा पत्नी कालू बावरिया निवासी नंदरामपुर वासधारा धारुणा रेवाड़ी हरियाणा। महारानी निवासी नंदरामपुर वासधारा धारुणा रेवाड़ी हरियाणा, सुनीता पत्नी राजबीर निवासी नंदरामपुर वासधारा धारुणा रेवाड़ी हरियाणा, लक्ष्मी पत्नी निवासी नंदरामपुर वासधारा धारुणा रेवाड़ी हरियाणा। गुड्डी पत्नी हरी निवासी नंदरामपुर वासधारा धारुणा रेवाड़ी हरियाणा। राजू निवासी ग्राम बनचहरी थाना होड़ल पलवल हरियाणा। खुशबू उर्फ शकुंतला निवासी हसनपुर पलवल हरियाणा, लता निवासी हसनपुर पलवल हरियाणा। रवि निवासी हसनपुर पलवल हरियाणा के रहने वाले हैं।
बावरिया गिरोह से ये औजार बरामद
एसएसपी अनंत देव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि इस गिरोह के सदस्य मेले में आये लोगो को टारगेट करके उनसे लूटपाट की घटना को अंजाम देते हैं। इस गिरोह के सदस्य गाड़ियों द्वारा प्रयागराज जा रहे थे लेकिन इनको पकड़ लिया गया इनके बाकी साथी वंहा पहुंच चुके है जिन्हे पकड़ने के लिए प्रयागराज की पुलिस व एसटीएफ से संपर्क किया गया है।एसएसपी का कहना है कि बावरिया गिरोह में शामिल महिलायें मेले में लोगों से चिपककर खड़ी हो जाती हैं जिससे उनका ध्यान भटक जाता है। इसके बाद इस गिरोह की महिलायें बहाने से उनपर गिर करके उनका कीमती सामान चोरी कर लेती हैं।यह अंतर्राजीय गिरोह है और यह हरियाणा,,पंजाब,,राजस्थान वा उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय रहते है। पुलिस ने इनके पास से एक सौ सत्तर ग्राम चरस, नकब लगाने के औजार, मोबाइल फोन, फर्जी नंबर प्लेट लगी एक कार आदि बरामद किया गया है। पुलिस के अनुसार पकड़े गए शातिरों ने बताया कि सभी कुंभ में वारदातों को अंजाम देने के इरादे से जा रहे थे। कुंभ में पहले से उनके गिरोह के तीस सदस्य ट्रेन से पहुंच चुके हैं।
जाने कौन होते हैं बावरिया
बावरिया एक घुमंतू जनजाति है। आबादी से दूर सड़क के किनारे डेरा डालकर रहने वाली यह जाति स्वभाव से ही क्रूर होती है। यही कारण है कि इनका गिरोह लूट की वारदात को जहां भी अंजाम देता है. हत्या या मारपीट जरूर करता है। इसे कच्छा बनियान गिरोह के नाम से भी जाना जाता है। ये पश्चिमी यूपी, हरियाणा और राजस्थान में रहते हैं पूरे प्रदेश में कहीं भी वारदात करके वहीं लौट आते हैं। ये लोग एक साथ पांच से दस लोग गिरोह बनाकर क्राइम करने घरों से निकलते हैं। दिवाली के दिन ये लोग पूजा- पाठ कर अपने पैत्रृक स्थान को छोड़कर वारदात के लिए निकलते हैं। ये जिस जिले में धावा बोलते हैं शहर या देहात क्षेत्र में आबादी से बाहर अपना हेड क्वार्टर बनाते हैं। भीख मांगने के बहाने ये अपना शिकार तलाश करते हैं। साथ ही एक रात में चार से छह स्थानों को अपना निशाना बना कर धावा बोलते हैं।
वारदात के बाद करते हैं शौंचक्रिया
अपने हेड क्वार्टर से निकलते समय ये पूजा- पाठ करते हैं। खास बात यह है कि जब तक पूरा गिरोह घर वापस नहीं लौटता महिलाएं अखंड ज्योति जलाती हैं। पहले यह गिरोह ट्रेनों व बसों में सफर करता था, लेकिन अब कुछ गिरोह के सदस्यों ने अपनी गाड़ियां भी खरीद ली हैं। यह गिरोह अपने पास हथियार नहीं रखता। वारदात से पहले कुछ दूरी से ही डंडों अथवा सरियों का इंतजाम करता है। घटना स्थल से कुछ दूर पहले ये अपने कपड़े उतार देते हैं। केवल कच्छा और बनियान पहनकर अपराध करते हैं। गिरोह के सदस्य वारदात से पहले शरीर पर तेल मलते हैं,ताकि पकड़े जाने पर फिसलन के कारण आसानी से छूट जाएं। शिकार के घर धावा बोलते ही लूटपाट से पहले यह गिरोह लोगों की नाक को निशाना बनाते हैं। हत्या मारपीट व लूट करने के बाद ये लोग घटना स्थल या उसके आस- पास शौच भी करते हैं। यह बावरिया गैंग की पुष्टि समझी जाती है
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