सुरेंद्र सिंह को स्मृति ईरानी का करीबी कहा जाता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इनकी मुख्य भूमिका भी रही. इन्होंने स्मृति के चुनाव प्रचार में भी काफी योगदान किया था. जिसका फायदा भी हुआ. सुरेंद्र कुमार जूता बांटने के दौरान भी चर्चा में थे. जिसे बाद में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बरौलिया गांव में जूता बंटवाने को अमेठी का अपमान बताया था. बरौलिया वही गांव है, जिसे गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के गोद लिया था.
*कब और कैसे मौत हुई*
अमेठी से ही स्मृति को भारी मतों से जीत हासिल हुई है और यहीं के बरौलिया गांव के सुरेंद्र सिंह पुर्व प्रधान थे. रविवार यानी 26 मई को ही सुबह तड़के 3 बजे बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी, जब वो अपने घर के बाहर सो रहे थे. उन्हें ट्रामा सेंटर ले जा ही रहे थे कि सुरेंद्र ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था
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