विष्णु चंसौलिया।
उरई (जालौन)भले ही तालाबों में रह रही मछलियों के शिकार एवं इस सीजन में मछलियों की बिक्री पर रोक लगाने सम्बन्धी प्रशासन का फरमान जारी हो गया हो लेकिन मछली का शिकार करने वाले कहॉ मानने वाले हैं। मामला कोंच कोतवाली के ग्राम लौना का है जहॉ पर मैनरोड पर बने तालाब से लोग मछलियों का शिकार कर रहे हैं और यहॉ देखने सुनने वाला कोई नहीं है। जिस जनता ने प्रधान और सचिव को ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी सौंपी है उन्हें भी इस ओर कुछ नहीं दिखता। ऐसा नहीं कि आज पहली बार यह सब हो रहा है। मछली पकड़ने वाले से जब पूंछा गया कि तुम किसकी परमीशन से मछली पकड़ रहे हो तो उसका कहना था कि वह तो आज पहली बार आया है कई लोग यहॉ से रोज मछलियॉ पकड़ते हैं। अब सबाल यहॉ यह उठता है कि जिन कंधों पर ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी की जिम्मेदारी सौंपी गयी है, वह ग्राम पंचायत सचिव व प्रधान आखिर कहॉ रहते हैं, उन्हें यह सब क्यों नहीं दिखाई देता है और क्या उन्होनें इन मछलियों के पकड़े जाने के सम्वन्ध मैं सूचना प्रशासन को दी है, हम तो फिलहाल यही कहेगें कि ग्राम पंचायत की पूरी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और सचिव की होती है और इस तालाब पर हो रहे मछलियों के शिकार के लिए वह पूरी तरह दोषी है। अगर सचिव महोदय की बात की जाये तो फोन उठाना ही वह मुनासिब नहीं समझते हैं। इस ग्राम पंचायत के लोगों का कहना है कि यह मछलियों का शिकार नहीं होना चाहिये और जो शिकार कर रहे हैं उन पर कार्यवाही होनी चाहिये। कोंच में इस समय मछली की बिक्री पर पूरी तरह अंकुश लगाने वाले प्रभारी निरीक्षक ललितेश नारायण त्रिपाठी से मॉग है कि वह लौना में चल रहे मछलियों के शिकार पर विराम लगायें और मछली पकड़ने वाले आ रहे लोगों पर कानून का डण्डा भी चलायें।
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