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रविवार, 18 अगस्त 2019

जनपद में यमुना, वेतवा नदियों में आई बाढ़ से प्रशासन के हाथ पांव फूले।#Public Statement



(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट)18/08/19 समीप के गांवों में रह रहे लोगों का हुआ जीवन दुश्वार। उरई (जालौन) मध्यप्रदेश, हरियाणा एवं पंजाब में हो रही लगातार वर्षा से वहाँ के बाँधों से छोड़े गए पानी से जिले में बह रही यमुना एवं बेतवा खतरे के निशान तक बह रही हैं। जिसके कारण जिला प्रशासन एवं नदी किनारे बसे वासिंन्दों के लिए नदियां मुसीबत बन गई हैं।

कालपी से बह रही यमुना में हरियाणा के हथिनी बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना कालपी मे खतरे के निशान 108 मीटर तक पहुंच गई है।और अभी भी पानी का स्तर बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में यमुना किनारे बसे गांवों की आबादी में खतरा उत्पन्न हो गया है, कई गांवों का रास्ता बाढ़ की चपेट में आने से उनका संपर्क कट गया है

इसी प्रकार झांसी से होकर हमीरपुर की ओर बहने वाली बेतवा नदी में मध्यप्रदेश में हो रही लगातार बारिश से ललितपुर के बांधों से पानी छोड़ने के कारण बेतवा नदी उफान पर है। बेतवा नदी के आसपास बसे सैकड़ों गांवों का जीवन खतरे में पड़ गया है। इन गांवों में बोई गई तिलहन की फसलें बर्बाद हो गई हैं, साथ ही यहाँ के निवासियों को अपना जीवन बचाना मुश्किल लग रहा है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी जालौन डा. मन्नान अख्तर ने सभी उप जिलाधिकारी एवं बाढ़ चौकियों को एलर्ट पर रखा है जिससे कोई जनहानि न होने पाए।तथा नदी किनारे बसे ग्रामीणों की प्रशासन द्वारा पल पल की जानकारी ली जा रही है।

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