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मंगलवार, 15 अक्तूबर 2019

घर उजाड़ने में लगा आबकारी विभाग भांग की दुकान पर गांजा प्रशासन आखिर क्यों मौन#Public Statement


(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 15/10/19 नाबालिक हो रहे ज्यादातर गांजे के नशे का शिकार, नशा मुक्त की जगह नशा युक्त सपने दिखाने में लगा प्रशासन

उरई (जालौन) अगर लापरवाही की बात की जाए तो वह आबकारी विभाग हो चाहें खाद्य विभाग अपनी लापरवाही से लोगों के स्वस्थ जीवन से खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे नशा मुक्त समाज का सपना दिखाने वाली सरकारों के विपरीत चल रहा  प्रशासन नशा युक्त समाज बनाता जा रहा गांजे पर पूर्ण रूप से प्रतिबिंब है पर उरई शहर के अंदर भांग की दुकानों पर गांजा बड़ी आसानी से और सस्ते दामों पर मिल जाता चाहे आप नाबालिक हो या फिर बालिक उन्हें तो सिर्फ पैसों से मतलब है आप पैसे चाहे वह चोरी करके ले आओ या किसी से मांग कर आपको मिश्रित गुटखा, चरस, गांजा,दारू सभी उपलब्ध करा दी जाएगी।

 चाहे वह प्रतिबिंब हो या फिर बाजार में बिकने वाले चाहे उससे कोई खतरनाक बीमारी होती है या उस पर सरकार व कोर्ट ने रोक लगाई हो प्रशासन के आला अधिकारी सब नियमों  की धज्जियां उड़ा कर आप तक नशा की पूर्ति के लिए ठेके से लेकर दुकानों पर खुलेआम बिकवा कर आपको नशा उपलब्ध कराएंगे ऐसा लगता है कि यह सब प्रशासन के नियमानुसार चल रहा अगर नहीं तो खुलेआम भांग की दुकान पर गांजा किसकी शह पर  बिक रहा  प्रशासन आखिर क्यों मौन है कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपापोती और जेब गरम करने में लगे रहते आला अधिकारी इन्हें  सब कुछ मालूम होने के बाद अनजान बना प्रशासन क्या आम लोगों की जिंदगी नशे से बर्बाद होने देगा क्या प्रशासन को पता नहीं नशा के कारण आये दिन कई परिवार उजड़ जाते है। 

नशे के कारण कई लोग गलत काम करते है।नशे के कारण आए दिन कई लोग मौत को गले लगा लेते है नशा की पूर्ति के लिए चोरी करते मारपीट करते नशे में  विलोप्त कई केस चौकी ,थाना, कोतवाली में देखने को मिल जाएंगे फिर भी प्रशासन कोई कड़ा कदम नहीं उठा रहा अगर आपको गांजा लेना हो तो भांग की दुकान पर चले जाना जहां पर नाबालिगों से लेकर बालिको की भीड़ लगी रहती  और 50 रुपये  से लेकर 1000 रुपए तक का गांजा आपको मिल जाएगा।


 खास बात यह रहती है कि दुकान पर कोई और बैठता है और दुकान का संचालन कोई और करता अगर सूत्रों की मानें तो इनकी पकड़ छोटे अधिकारियों से लेकर बड़े अधिकारियों नेताओं तक होती और सब का हिसाब हर महीने पर किया जाता अगर ऐसा ही हिसाब अधिकारियों को चलता रहा तो 1 दिन इस समाज के युवाओं का हिसाब नशे से हो जाएगा और जिन युवाओं से देश की सुरक्षा की बात की जाती है उनसे फिर नशे की बात की जाएगी परिवार उजड़ रहे युवा बिगड़ रहे लोग बर्बाद हो रहा तभी प्रशासन प्रतिबिंब  नशे पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं कर पा रहा देखते हैं शासन- प्रशासन  कब तक लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करता रहेगा।

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