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रविवार, 8 दिसंबर 2019

दशकों से सिर्फ कागजों पर चल रहा पशु सेवा केंद्र मंगरौल#Public Statement


(विष्णु चंंसौलिया की रिपोर्ट) 08/12/19 उरई ।विकासखंड महेवा के अंतर्गत न्याय पंचायत मंगरौल मे शासन द्वारा बनवाया गया पशु सेवा केंद्र सिर्फ कागजों की खानापूर्ति में लगातार चल रहा है जबकि हकीकत कागजी आंकड़ों से बहुत विपरीत है। पशुधन सेवा केंद्र में तैनात पशुधन प्रसार  अधिकारी का पशुपालक नाम जानना तो दूर रहा बल्कि  शक्ल देखने को तरस रहे हैं ग्रामीण ।जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषकों का योगदान लगभग 80% है। इसको केंद्र व राज्य सरकारें भलीभांति जानते हुए  कृषकों एवं पशुपालकों की दशा सुधारने के लिए पशु बीमा योजना डेयरी विकास योजना जैसी तमाम योजना संचालित करती हैं।

लेकिन जब तक इन योजनाओं का असर जमीनी स्तर पर नहीं होता तब तक कृषको एवं पशुपालकों की दशा में सुधार केवल कोरी कल्पना एवं योजनाएं सफेद हाथी प्रतीत होती हैं ।कभी सूखा तो कभी बाढ़ से प्रभावित कृषकों को पशुपालन से काफी राहत मिलती है। लेकिन पशु संबंधी छोटी से छोटी समस्या पशुपालकों का जी का जंजाल बन जाता है। पशुपालकों की दुश्वारियों का आलम  यह है।कि अगर पशुओं को टेबलेट भी लानी होती है तो गांव से लगभग 10 किलोमीटर दूर महेवा या कालपी भागना पड़ता है। बीमार पशुओं का समय रहते अगर इलाज नहीं होता तो पशुओं की मृत्यु तक हो जाती है ।साल में यह आंकड़ा दर्जनों तक पहुंच जाता है ।और पशुपालकों के हिस्से में आता है एक और बज्र्पात पशुओं से संबंधित चिकित्सा सेवा जैसे खुर पका मुंह पका कृत्रिम गर्भाधान आदि के लिए भी पशुपालकों को कालपी या महेवा जाना मजबूरी बन जाती है ।

महेवा पशु चिकित्सालय में बालेंद्र सिंह राजपूत से फोन वार्ता कर इस समस्या से अवगत कराया गया तो डॉक्टर बालेंद्र सिंह ने कहा कि न्याय पंचायत मंगरौल में स्थित पशु सेवा केंद्र में तैनात पशुधन प्रसार अधिकारी द्वारा विगत दिनांक 27 जून 2017 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र द्वारा अवगत कराया गया था कि पशु सेवा केंद्र की बिल्डिंग बहुत जर्जर अवस्था में है। जिसके कारण सारा फर्नीचर मेज कुर्सी इत्यादि बरसात के कारण सड़ गया है एवं बैठने लायक नहीं है। पशुधन प्रसार अधिकारी द्वारा इस  संस्था को गांव में दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए भी अवगत कराया गया था लेकिन उनके शिकायती पत्र का अभी तक संज्ञान नहीं लिया गया इसलिए पशुपालकों की समस्या जस की तस बनी हुई है इस समस्या से प्रभावित क्षेत्र के पशुपालकों की मांग है कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी इस समस्या को संज्ञान में लेते हुए पशु सेवा केंद्र की सेवाएं सुचारू रूप से चलाने के लिए जर्जर इमारत की जगह नई इमारत बनवाएं जब तक नई इमारत ना बने तब तक पशु सेवा केंद्र को अस्थाई जगह पर स्थानांतरित करें जिससे क्षेत्रीय किसानों एवं पशुपालकों के पशुओं को शीघ्र एवं गुणवत्ता परख इलाज मुहैया हो सके।

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