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मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

कोरोनावायरस के चलते सादगी से मनाई अम्बेडकर जन्म जयंती

विष्णु
कालपी (जालौन)
मध्य प्रदेश के एक छोटे से  में १४ अप्रैल १८९१ को एक ऐसे सूर्य का उदय हुआ जिसने वो उजाला बिखेरा जो अनंत काल तक कभी धूमिल नहीं हो सकता।
आज उनकी १२९ वीं जन्म जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र सत सत नमन करता है।
उक्त बात नगर पालिका परिषद कालपी में टरननगंज बार्ड सभासद वरिष्ठ बसपा नेता दिलीप पाठक ने बाबा साहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर एक भेंट में कही।
उन्होंने कहा कि महान समाज सुधारक अर्थ शास्त्री राजनीतिज्ञ विधि वेता भारत को संविधान देने वाले पिता रामजी मालोजी सकपाल माता भीमाबाई की १४ वीं सन्तान के रूप में  महार जाति में जन्मे जिन्हें बचपन में रामजी सकपाल के नाम से पुकारते थे।जन्म से ही अदभुद प्रतिभा के धनी बाबा साहेब ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में शिक्षा ग्रहण की। जिन्हें २९ अगस्त १९४७ को संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष बनाया गया।दो वर्ष बाद २६ नवम्बर १९४९ को संविधान सभा ने बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को अपनाया।
उन्होंने आगे बताया कि बाबा साहेब ने ८ अगस्त १९३० को एक शोषित वर्ग सम्मेलन में अपनी राजनीतिक दृष्टि को दुनिया के सामने रखा।
१९४७ में स्वतंत्र भारत की कांग्रेस सरकार में प्रथम कानून मंत्री बने। १९४८ में मधुमेह से पीड़ित हुए और १९५४ तक उस बीमारी से संघर्ष करने के बाद स्वस्थ हुए ६दिसम्बर १९५६ को दलित बौद्ध आन्दोलन को प्रेरित करने वाले छुआछूत जैसे सामाजिक भेद भाव को मिटाने वाले श्रमिकों किसानों महिलाओं के अधिकारों के प्रबल समर्थक बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर का निधन  हूआ ।आज उनकी १२९ वीं जन्म जयंती पर सत सत नमन करते हैं।

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