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गुरुवार, 21 मई 2020

अलविदा जुमा व ईद-उल-फित्र की नमाज के लिए मस्जिदों में ना जाएं और बाजारों में भीड़ न करें

पब्लिक स्टेटमेंट के लिए विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट।

कालपी (जालौन) रमजान शरीफ के अलविदा जुमा व ईद की नमाज के ताल्लुक से आज 21 मई को हजरत मौलाना सैयद गयासुद्दीन मियां के मदरसे जामिया अहले सुन्नत जियाउल उलूम में शहर के कुछ उल्मा-ए-किराम व इमामों  की एक बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता गयासुद्दीन मियां ने की ।और बैठक में सब की राय से तय पाया गया कि अहले सुन्नत का मरकज बरेली शरीफ है और उसी के आधार पर हम लोगों ने ये तय किया है जैसे लॉकडाउन की सूरत में अभी तक पांच वक़्तों की और जुमा की नमाज पढ़ी जा रही हैं तो ये अलविदा जुमा में भी आप लोग उसी तरह चंद लोग ही मस्जिदों में नमाज अदा करें बाकी लोग अपने घरों में ही ज़ुहर अदा करें। ईद की नमाज जब मस्जिदों में हो जाए तब आप लोग 4 रकात नमाज चाश्त की घरों में पढ़लें ये नमाज ईद का बदल नहीं है बल्कि इसे पढ़ने से सवाब मिलेगा।
सैयद गयासुद्दीन मियां ने कहा कि आप लोग ईद में नए कपड़े ना खरीदें पुराने कपड़ों को पहनकर ही ईद मनाए और अपनी इस रकम से गरीबों मजलूमों की मदद करें। बड़ी मस्जिद के इमाम हाफिज इरशाद अशरफी ने कहा कि हमारे बड़े रहनुमाओं ने हुक़ूमत से मांग की थी कि हमें अलविदा जुमा व ईद की नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाए मगर हुक़ूमत की तरफ से कहीं किसी को भी इसकी इजाजत नहीं दी गई लिहाजा सभी मुसलमानों को इस पर अमल करना जरूरी है।
    मुफ्ती अशफाक ने कहा कि यह ईद का मौका खुशी का होता है इसमें लॉकडाउन का ख्याल करते खुशी मनाएं। बैठक में मुफ्ती अहमद रजा, मौलाना जियाउद्दीन, हाफिज अमानत हाफिज गुलाम जिलानी, हाफिज हुसैन बेग,  हाजी मुजीब अल्लामा शामिल रहे और सभी ने इस पर अमल करने की आवाम से अपील की है।

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