Latest News

शनिवार, 13 जून 2020

एनफ्लुएंजा के बदतरीन दौर में भी दिखा ऐसा संकट

दिनाँक-13/6/2020

पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज़ से वर्तिका सिंह की रिपोर्ट

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और एमोरी यूनिवर्सिटी की टीम के मुताबिक, अमेरिका को जिस संकट का सामना महामारी के दौरान करना पड़ा ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. यहां तक कि एनफ्लुएंजा के बदतरीन मौसम में भी नहीं देखा गया. हालांकि अभी वैज्ञानिक मौसमी एंफ्लुएंजा और कोरोना वायरस से होनेवाली मौत की तुलना कर किसी सटीक नतीजे पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.

कोरोना वायरस फ्लू से पांच गुना ज्यादा खतरनाक है. वैज्ञानिकों के मुताबिक दोनों की तुलना करना ठीक नहीं है. एक नए शोध में इस बात का पता चला है कि कोरोना वायरस व्यस्कों के लिए मौसमी फ्लू से पांच गुना ज्यादा घातक है.


कोरोना वायरस पर हुए इस शोध को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और एमोरी यूनिवर्सिटी की टीम ने तैयार किया है. टीम के मुताबिक सार्स कोविड-2 वायरस सिर्फ फ्लू की एक और किस्म है मगर ये हकीकत नहीं. मई के शुरुआत में ही 65 हजार अमेरिकी नागरिक कोरोना वायरस की चपेट में आकर मौत का शिकार हो गए. ये आंकड़ा उतना ही है, जितना कि हर साल अमेरिका में एनफ्लुएंजा से लोग मरते हैं.
इस आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि दोनों वायरस की तुलना आपस में नहीं की जा सकती.

वैज्ञानिकों ने की फ्लू और कोरोना वायरस की तुलना


उनके मुताबिक एक तो कोरोना वायरस बहुत ज्यादा संक्रमित करनेवाली महामारी है. दूसरे ये कि जिस तरह से इससे मौत हो रही है ये बिल्कुल अलग है. वैज्ञानिकों ने डायमंड प्रिसेंस क्रूज शिप में फैलनेवाले कोरोना वायरस के डाटा को इस्तेमाल कर अंदाजा लगाया कि इससे मौत का औसत 0.5 फीसद है जो फ्लू से होनेवाली मौत से पांच गुना ज्यादा है.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


Created By :- KT Vision