टूर्नामेंट शुरू होने से पहले कुछ पॉजिटिव मामले आये थे लेकिन बाद में एक भी ऐसा मामला नहीं आया। उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और टीमों ने हालांकि अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन यह बायो बबल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) इतना मजबूत नहीं था।यहां आप लोगों को आते-जाते देख सकते थे, भले ही वे अलग-अलग मंजिलों पर हों। मैंने कुछ लोगों को पूल का उपयोग करते हुए भी देखा। अभ्यास करने की सुविधाएं भी दूर थीं।’’ भारतीय अंडर-19 टीम के सदस्य रहे श्रीवत्स गोस्वामी शुरू से आईपीएल का हिस्सा रहे है। उन्होने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि किसी खिलाड़ी या सहयोगी सदस्य ने कोविड-19 से जुड़ी मानक संचालन प्रक्रिया का उल्लंघन किया है।
सनराइजर्स हैदराबाद के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘बबल के अंदर हमारी अच्छी देखभाल हो रही थी। किसी भी खिलाड़ी या सहयोगी स्टाफ ने इसका उल्लंघन नहीं किया। लेकिन मै इस बात से इनकार नहीं करूंगा कि वायरस के बबल में प्रवेश के बाद हर कोई असहज हो गया था, खासकर विदेशी खिलाड़ी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पता है कि मैं अच्छी प्रतिरोधक क्षमता वाला खिलाड़ी हूं। भगवान न करे, अगर मैं वायरस के चपेट में आ गया तो भी ठीक हो जाऊंगा। लेकिन मुझमें वायरस का लक्षण नहीं दिखा और मेरे बुजुर्ग माता-पिता इस वायरस के चपेट में आये तो क्या होगा।जब बबल मेंवायरस संक्रमण के मामले आये तो अधिकांश खिलाड़ी डर गए क्योंकि आप नहीं चाहते कि इससे आपका परिवार प्रभावित हो।’’ भारत में गुरुवार को कोविड-19 संक्रमण के चार लाख से ज्यादा मामले आये, जबकि लगभग 4000 लोगों की मौत हो गयी। अस्पताल में बिस्तर, ऑक्सीजन और महत्वपूर्ण दवाओं की कमी से जूझने के बाद भी आईपीएल आयोजन की बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘ जाहिर है कि आप इस बात से बेखबर नहीं थे कि बाहर क्या हो रहा है। जब आप ऑक्सीजन की कमी, अस्पताल में बिस्तर की कमी के कारण लोगों को मरते हुए देखते हैं तो आपको बुरा लगता है।
खासकर विदेशी खिलाड़ी इसके बारे में ट्विटर पर पढ़ कर डर गये थे। भारतीय खिलाड़ी के तौर पर हम उन्हें समझाते थे कि चीजें ठीक हो जाएंगी।’’ ऐसे समय में लीग के आयोजन पर सवाल को लेकर एक खिलाड़ी ने गोपनीयता के शर्त पर कहा कि इस मामले में खिलाड़ियों के बीच मतभेद था। इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ बाहर की स्थिति पर खिलाड़ियों और सहयोगी सदस्यों के विचार एक जैसे नहीं थे। कुछ चाहते थे कि आईपीएल जारी रहे तो कुछ चाहते थे इसे रोक दिया जाये। हां, बबल में वायरस के आने के बाद सब में बेचैनी थी।’’ क्रिकेटर से कमेंटेटर बने दीप दासगुप्ता ने आईपीएल के बबल को कमजोर करार देने से इनकार किया लेकिन कहा कि दिल्ली में मामले बढ़ने के बाद वह चिंतित हो गये थे। इस पूर्व विकेटकीपर ने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहूंगा कि इस बार बनाया गया बायो-बबल पिछली बार यूएईकी तुलना में कमजोर था। हमारा अच्छी तरह से ख्याल रखा गया और मै सुरक्षित महसूस कर रहा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जब दिल्ली में मामले बढ़ने लगे तब मैं डर गया था। लोगो को संघर्ष करते देखना काफी निराशाजनक था। मैं अपने माता-पिता के लिए चिंतित था जो नोएडा में रहते है। उनके बारे में सोच कर चिंतित हो रहा था।’’ एक अन्य खिलाड़ी ने कहा कि जब टूर्नामेंट शुरू हुआ था तब बबल काफी मजबूत था लेकिन इसके आगे बढ़ने के साथ इसमें कुछ कमियां आ गयी थी। नाम ना छापने की शर्त पर इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘टूर्नामेंट के शुरूआत में यह बेहतर था। लेकिन किसी को पता नहीं कि बबल में कोरोना वायरस कैसे आया।
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