(मोo नदीम/दिग्विजय सिंह की रिपोर्ट) 9 जुलाई 2021 कानपुर/देश भर के रेलवे प्लेटफार्मो पर स्थित खानपान स्टाल कैंटीनों व अन्य खाद्य पदार्थो को यात्रियों को रेलवे द्वारा निर्धारित मूल्यों से अधिक दामो पर बेचे जाने पर जुर्माने के साथ ठेकेदार का ठेका निरस्त करने का प्रावधान है इसके बावजूद विभाग को ठेंगा दिखाते हुए खानपान ठेकेदार वेंडरो द्वारा बिना भय के यात्रियों से नियम के विरुद्ध खानपान की चीजों पर ओवर चार्जिंग कर उनकी जेबो पर डाका डालने का कार्य कर रहे है।
बताना चाहेंगे कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर आने जाने वाले यात्रियों की जेबो पर वेंडर जमकर डाका डाल रहे है जिन्हें रोकने वाला कोई नही है संगीता जैन एन्ड संस् के स्टाल पर कार्यरत वेंडर रेलवे द्वारा निर्धारित मूल्यों से अधिक दामो पर यात्रियों को खाद्य सामग्री व पानी की बोतले बेची जा रही है प्रिंट रेट ऊपर के दामो को लेकर यात्री विरोध करता है तो उसे वेंडर धमकियाते हुए गुर्राकर कहता है इसी दामो पर सामान मिलेगा लेना है तो लो वरना आगे बढ़ो मजबूरी के तहत यात्रियों को भी ओवरचार्ज किये जा रहे समान को खरीदने के लिये विवश होना पड़ रहा है रेलवे में यात्रियों से हो रही ओवरचार्जिंग की धांधली की रियल्टी चेक करने के लिये हमारे संवाददाता ने यात्री बन संगीता जैन एन्ड संस् में कार्यरत वेंडर भिंड निवासी संदीप सिंह से यात्रियों को बेच रहे सामान की कीमत जानी तो सारा सच सामने आ गया रेल नीर जिसकी कीमत पन्द्रह रुपये है उसे बीस रुपये में बेचा जा रहा था कोल्ड ड्रिंक चिप्स अंडा चावल आदि खाद्य सामग्री रेलवे द्वारा निर्धारित दामो से अधिक में बेचा जा रहा है महंगे दामो पर बेचने का कारण पूछने पर उसका कहना था ठेकेदार के आदेश पर ही सामान को महंगे दामो पर बेच रहे है
इसके अलावा जब हमारे संवाददाता ने उससे रेलवे द्वारा वेंडरो के लिये जारी मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाने को कहा तो उसने स्टाल द्वारा जारी कार्ड को आगे कर दिया जिसे वो रेलवे का सर्टिफिकेट साबित करने पर अड़ा रहा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ओवरचार्जिंग का खेल यही तक सीमित नही है और भी स्टाल धारक यात्रियों की जेबो पर डाका डालकर महंगे दामो पर बिक्री कर रहे है सब्जी पूरी जिसकी कीमत रेलवे द्वारा पन्द्रह रुपए तय की गई है उसे भी बीस रुपये में बेचा जा रहा है जुर्माने का प्रावधान होने के बाद भी बिना भय के ठेकेदारो का ओवरचार्जिंग करना साफ दर्शाता है ठेकेदारो को विभागीय संरक्षण प्राप्त है
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