उत्तर प्रदेश:- सऊदी सरकार ने एक साल पहले उमरा (हज के इतर धार्मिक यात्रा) कर चुके ऐसे लोगों पर दो हजार रियाल का टैक्स लगा दिया है जो अगले साल फिर जियारत पर जाना चाहते हैं। अभी तक एक साल में दो बार उमरा करने वालों पर यह टैक्स लगाया गया था। उमरा के पैकेज 55 हजार से 1.25 लाख (15 दिन से एक माह तक) तक पहुंच गए हैं।
उमरा अरबी माह मोहर्रम से शुरू होकर रमजान तक चलता है। इन आठ माह में जायरीन के जाने का सिलसिला बना रहता है। शेष महीनों में हज की तैयारी चलती है और हज होता है। इसके लिए कोटा तय रहता है।
यूपी से हर माह जाते हैं 30 हजार : केवल उत्तर प्रदेश से उमरा पर जाने वालों की तादाद औसतन 30 हजार प्रति माह है। इसमें केवल कानपुर से ही 5000 जायरीन हर माह उमरा पर जाते हैं। इस तरह यूपी से आठ माह में करीब 2.40 लाख उमरा के लिए रवाना होते हैं। इनमें ऐसे लोग भी हैं जो साल में दो बार या हर साल उमरा पर जाते हैं। देश से उमरा पर जाने वालों की संख्या करीब 15 लाख से अधिक मानी जाती है।
सऊदी ने लगाए टैक्स : सऊदी सरकार ने वर्ष 2017 में साल में दो बार उमरा पर जाने वालों से 2000 रियाल की अतिरिक्त वसूली शुरू की थी। अब उन लोगों से भी यह टैक्स लिया जाएगा जो एक साल पहले जा चुके हैं।
पैकेज 1.25 लाख तक पहुंचा: उमरा पर लोग प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स के माध्यम से जाते हैं। इनमें ज्यादातर लोग 50-50 के ग्रुप ले जाते हैं। रमजान माह के अतिरिक्त उमरा के पैकेज 55-85 हजार (15 दिन) के बीच के हैं। रमजान में पैकेज 81 हजार से 1.25 लाख (दिवसों के आधार पर) तक पहुंच गया है।
सऊदी में महंगाई आसमान पर :अवध टूर्स के निदेशक शारिक अल्वी ने बताया कि रमजान में सऊदी में यदि कोई तीन दिन किसी होटल में रुकना चाहता है तो उसे 10 दिन का किराया देना होता है। इसी तर 11-12 दिन रहेगो तो 20 दिन, 22 दिन रहेगा तो 30 दिन का किराया देना होता है। वीजा के लिए सामान्य दिनों में 4000 रुपए लेकिन रमजान में 12 हजार देने पड़ रहे हैं। हज महंगा होने से उमरा पर जाने वालों की संख्या बढ़ी है।
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