कानपुर :-कहते है आज के युग में जिस तरह इंसान की मानसिकता बदलती जा रही वैसे मौसम का मिजाज भी लोगों पर कहर बनकर टूट रहा है। कभी अप्रेल में ठंड पड़ने लगती है तो कभी मई में आंधी तूफान और मूसलाधार बारिश होने लगती है । बीते अप्रैल माह में बढ़ती गर्मी और अचानक बदलते मौसम का मिजाज मई में भी देखने को मिल रहा है। बुधवार देर रात आचानक आई तेज आंधी और बारिश ने भले ही शहरियो को गर्मी से निजात दिलाई लेकिन यह बारिश किसानो के लिए अभिषाप साबित हो रही है। जनपद में आंधी और पानी से 20 प्रतिशत से अधिक फसलों पर इसका प्रभाव पड़ा है। तेज हवाओं के कारण जहां अधिकत पौधे गिर गये है वहीं ओले गिरने के कारण फसल बर्बाद हो गयी है। खराब मौसम के कारण आम और गन्ने की फसल पर भी प्रभाव पड़ा है।
चिलचिलाती धूप व गर्मी से बुधवार की रात हुई तेज बारिश ने भले ही राहत दिलाई हो लेकिन किसानो के लिए यह बारिश अभिषाप से कम नही। तेज बारिश के साथ ओले गिरने के बाद ठण्डी हवाओं के बीच तापमान गिरा और गुरूवार को धूप का भी असर कम रहा। बुधवार को हवाओं का रूख बदला और पिश्चिमि तेज हवाये चली। मौसम विभाग द्वारा बताया गया कि आगामी दिनों में भी मौसम में बदलाव जारी रहेगा तथा आसमान में बदली छाई रहेगी। वहीं तेज हवाओं के साथ बूंदा-बांदी की भी संभावना बनी रहेगी। गुरूवार को बारिश के कारण तापमान नीचे आया तथा 34.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं वातावरण में अधिकतम आद्रता की मात्रा 75 पाई गयी। गुरूवार को सारा दिन 6 किमी0 प्रति घण्टा की रफ्तार से हवा चलती रही। कानपुर जनपद में गेहूं की खेती पर निर्भर एक लाख से अधिक किसान है। खेतों में गेहूं की फसल कटी पड़ी है ऐसे में मूसलाधार बारिश ने किसानों के लिये बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है।
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