रिपोर्ट:-अमित कश्यप के साथ चांद खान
कानपुर:-30मई
हम बात कर रहे कानपुर शहर के जाने माने अस्पताल उर्सला की .वो उर्सला जो लोगों को जीवनदान देता है पर इन दिनों उर्सला अस्पताल की हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही उर्सला अस्पताल के बच्चों के वार्ड में लगे ए सी एक अर्से से खराब पड़े है जिसकी वजह से यहां भर्ती बच्चों को इस भीषण गर्मी में बीमारी से ज्यादा इस भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। तीमारदार बेचारे हाथों में पंखा लिये अपने लख्तेजिगर को गर्मी से निजात दिलाने की नाकाम कोशिश में लगे है। जब हमने इसकी पड़ताल करनी चाही तो जवाब देने वालो ने अपने कमरों के दरवाजे हमारे लिये नहीं खोले । ऐसे में अस्पताल में भर्ती बच्चों जिन्हें ' *हम भगवान का दूसरा रूप कहते है*
को
*धरती के भगवानों के मंदिर*
में असहनीय दर्द से कौन निजात दिलायेगा कौन इन मासूमों का ख्याल रखेगा आखिर ये भी तो इस देश के भविष्य है।ऐसा नहीं है के केवल बच्चों के वार्ड में ही ए सी खराब है एक कमरा हमें और मिला जिसका भी ए सी शायद कई सालों से खराब पड़ा है और वो कमरा है ब्लड बैंक के बगल में बना होम्योपैथी डिपार्टमेंट के मुख्यडाक्टर साहब का कमरा जहां रोजाना सैकड़ों मरीज देखें जाते है।
*बर्न वार्ड में रात को लटकता मिला ताला*
जब हम रात को बर्न वार्ड में पहुंचे तो वहां ड्यूटी रूम में कोई नहीं था और हो भी क्यों क्योंकि वाला ड्यूटी रूम में ताला लटक रहा था। पूछने पर दूसरे वार्ड की नर्सों ने वही पुराना जवाब दिया अभी अभी कहीं गये है । इसे ही कहा जाता है
*संघे शक्ति कलयुगे*
- मतलब एक दूसरे की गलतियों पर पर्दा डालना । विडम्बना की बात है की अस्पताल की व्यवस्था उस शासन काल में खराब है जब केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा सरकार विराजमान है जो अपने आपको गरीबों की सरकार कहती है।
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