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शुक्रवार, 18 मई 2018

बच्चो को किताबो का बोझ अत्यधिक बढ़ गया है, जितेंद चौहान


कानपुर देहात: (अमित राजपूत) आज के दौर में बच्चों में किताबों का बोझ अत्यधिक बढ़ गया जिससे उनके बचपन की मासूमियत छिनती जा रही है ऐसे में जरूरत उन्हें किताबी कीड़ा बनाने से इतर खेल खेल में सीखने के अनुभव को मजेदार बनाने के साथ-साथ शिक्षा को पारंपारिक ढर्रे से हटाकर बच्चों में नेतृत्व, टीमवर्क और साझेदारी की भावना को विकशित करने की है यह बात सिविल बार एसोसिएशन व आल पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह चौहान ने रूरा स्थित स्कूल में 'बच्चों के बीच जितेन्द्र ने क्लास' के दौरान शिक्षकों से कही उन्होंने बच्चों के लिए खेल के महत्व पर कहा विभिन्न प्रकार के खेल बच्चों के समपूर्ण विकास में सहायक होते हैं। खेल से बच्चों का शारीरिक , संज्ञानात्मक , संवेगात्मक , सामाजिक  एवम् नैतिक विकास को बढ़ावा मिलता है किन्तु अभिभावकों की खेल के प्रति नकारात्मक अभिवृत्ति एवम् क्रियाकलाप ने बुरी तरह प्रभावित किया हैं। अतः यह अनिवार्य है कि शिक्षक और माता-पिता खेल के महत्व को समझें।क्योंकि स्कूली स्थिति की तुलना में खेल के दौरान बच्चों की एकाग्रता, स्मृति आदि उच्चतर स्तर पर काम करती हैं। खेल में बच्चे की नई विकासमान दक्षताएँ पहले उभर कर आती हैं।जितेन्द्र ने इस अवसर पर विभिन कक्षाओं के मेधावी व खेलकूद में निपुण बच्चों को पुरस्कृत करने के पूर्व विद्यालय के शरारती,चंचल व नटखट बच्चो को पुरस्कृत करते हुए कहा कि जरूरत बच्चो में बच्चा जीवित रखने की है और इसके लिए उन्हें सिर्फ उनके परीक्षा में अच्छे अंको या खेलकूद प्रतियोगिताओं में ही पुरष्कृत न कर उनकी मासूम शरारतो को भी पुरस्कृत करने की है।जितेन्द्र ने क्लास के दौरान बच्चो को उनके विषयों की तैयारी समूह नेतृत्व व मानशिक क्षमता के विकास में समूह चर्चा के जहाँ लाभ बताए वही आकस्मिक पुलिस,चिकित्सा व अग्निशमन जैसी त्वरित सहायता को पाने के तरीके व फोन नम्बर बताने के साथ ही उनके बौद्धिक ज्ञान बृद्धि में दैनिक अखबारों की उपादेयता पर चर्चा करते हुए कहा कि अखबारो के नियमित पाठन से बच्चों के सामान्य ज्ञान की अभूतपूर्व बर्द्धि होती।बच्चो में सकारात्मक आपसी प्रतिस्पर्धा विकसित करने के निमित्त इसी विद्यालय में जितेन्द्र की अगली क्लास ग्रीष्मावकाश के बाद में जुलाई में लगाने की बात कहते हुए इस मध्य बेहतर कहनी, निबन्ध या अन्य सामाजिक विषय लेखन,अन्य सामयिक योगदान, सहित इस मध्य के अखबारों में छपी ज्ञानपरक खबरों की कटिंग के संग्रहकर्ता छात्रो को पुरष्कृत करने की बात कही।स्कूल के प्रधानाचार्य शुभम त्रिवेदी ने कहा वह विद्यालय को सिर्फ किताबी शिक्षा तक सीमित न रख बच्चों के शारिरिक, मानसिक, बौध्दिक, चारित्रिक व नेतृत्व क्षमता के विकास के हर पहलू पर कार्य करते हुए छात्रों को देश समाज का एक सक्षम, कुशल व चरित्रवान नागरिक बनाने में हर पहलू से आगे बढ़ाएंगे।शिक्षकों में प्रमुख रूप से नीरज,आशिष, दिब्या,अर्चना,क्षमा,दीक्षा,गरिमा, अनूप,जशराम व छात्रों में वैभव, मयंक,वैष्णवी,स्वतंत्र,अभिषेक, हिमांशु,कार्तिकेय,पियूष,अनूप,गौरव व श्रेयष शुक्ला आदि लोग उपस्थित रहे।     
   

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