पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज़ से अमित कौशल
जी हां हम बात कर रहे है अपने प्यारे कानपुर शहर की सड़कों की एवं उनके "कर्ता - धर्ताओं" की जो प्रत्येक वर्ष टेण्डर निकाल कर सड़को की मरम्मत या उन पर नया रंग रोगन कर शहर खूबसूरत दिखाते है और लाखों करोड़ों की "बंदर-बांट"कर ली जाती है।
लेकिन यह खूबसूरती दो तीन दिनों की लगातार बारिश ने बिगाड़ दी और जितना भी मेकअप किया गया था सब उतर कर भयानक चेहरा दिखा रहा है
शहर की शायद ही कोई सड़क होगी जिस पर बड़े बड़े गड्ढे और बजरी न पड़ी हो जिस पर रोज कई और वाहन सवार दुर्घटना ग्रस्त होते हैं। और प्रशासन को कोसते ,डॉक्टर को सलामी देते हुए अपनी मंजिल पर पुनः रवाना होते हैं
टाटमिल चौराहे से यशोदानगर बाईपास हो या वीआईपी रोड ,मरिकम्पनी पुल या अन्य नई बनी सड़कें सब पर छोटे बड़े गड्ढे जिनमे पानी भरा हुआ है और गाड़ियां निकलने से बजरी रास्तों में फैल रही है
क्या यही हमारा स्वच्छ शहर उत्तम शहर है। जिसमे भ्रष्टाचार चारों दिशाओं में सभी विभागों में और जिम्मेदारों में पाया जाता है ।
जिम्मेददार विभाग सड़कों को साफ कर उन्हें दुरुस्त कराए
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