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बुधवार, 24 अप्रैल 2019

कांग्रेस के चुनाव की तस्वीर तय करेगा प्रियंका का रोड शो।#Public Statement



पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज से विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट)24/04/19 उरई (जालौन)कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के रोड शो से काफी कुछ स्पष्ट हो जायेगा। उनके उरई आने पर उन्हें करीब से देखने की उत्सुकता तो हर किसी के मन में है पर इसमें चौधरी वर्ग और मुस्लिम समाज की भागीदारी  कितनी होगी ?  यही चुनाव को नई दिशा दिखायेगी। कांग्रेस की ओर से दावे तो खूब हो रहे हैं कि जाटव -मुस्लिम क्या ? सहयोग तो ब्राहमणों का भी भरपूर मिल रहा है पर इस पर अभी किसी को विश्वास नहीं हो रहा।

प्रियंका के रोड शो में शामिल जातीय भागीदारी और उसका वास्तविक उत्साह ही तय करेगा कि 29 अप्रैल को क्या रहने वाला है ?

इस बार लोकसभा की किसी भी चुनावी सभा को राहुल गांधी संबोधित करने नहीं आ रहे। वैसे भी जहाँ पर प्रियंका का रोड शो हो रहा है ,राहुल वहाँ अपनी सभा नहीं कर रहे हैं। यह उनकी रणनीति का एक हिस्सा हो सकता है। ऐसा पहली बार है कि सोनिया या राहुल में से कोई जालौन लोकसभा में संबोधित करने नहीं आया । संसदीय क्षेत्र के करीब 19 लाख मतदाताओं को प्रभावित करने की जिम्मेदारी अब प्रियंका वाड्रा पर है। कांग्रेस ने यहाँ बृजलाल खाबरी को टिकट दिया है। वह 1999 में बसपा से सांसद बने थे, फिर 2008 में राज्य सभा सांसद रहे। बसपा के बड़े  नेताओं में वह शुमार थे। इस वक्त कांग्रेस की नाव में सवार हैं , जिसका ग्रामीण स्तर पर संगठन खासा कमजोर है।

प्रियंका वाड्रा की बुंदेलखंड में यह पहली यात्रा हो रही है। शुरुआत जालौन जिले से है। यहाँ से जवाहरलाल नेहरू, इन्दिरा गांधी,राजीव गांधी , माँ सोनिया और भाई राहुल गांधी का गहरा रिश्ता रहा है। इन्दिरा और राहुल यहाँ के कई लोगों को नाम से जानते और पुकारते रहे हैं।

इन्दिरा गांधी की जिले में आखिरी यात्रा 1980 के करीब हुई थी। कालपी के पुल का उद्घाटन भी उनके हाथों से हुआ था।राजीव गांधी 1985 के विधान सभा चुनाव में आये थे और चारों सीटों पर कांग्रेस को सफलता मिली थी। जालौन नगर में भी उनकी जोरदार सभा हुई थी। उनकी अन्तिम यात्रा 21मई 1991में श्री पेयम्ब्दूर में हत्या के थोडे समय पहले ही हुई थी।

 उनका यहाँ  रोड शो था।बहुत भीड़ उमड़ी थी।टाउन हाल में मंच तक ले जाने को तब के यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विनोद चतुर्वेदी को उन्हें अपने कन्धे पर बैठाकर ले जाना पड़ा था। राहुल गान्धी की 2016 में खाट सभा यहाँ भी हुई थी।
अब चौथी पीढ़ी के सबसे छोटे सदस्य की बारी है। प्रियंका की इस यात्रा से वोट बैंक में कितना इजाफा होगा ?  यह तो 23 मई को ही पता चलेगा पर  उनकी लोकप्रियता खूब देखी जा रही है।हर किसी को उनके आगमन का इन्तजार है।

 करीब 45 मिनट के रोड शो के द्वारा मुस्लिम समाज को आकर्षित करने की योजना है। पार्टी की ओर से प्रयास हो रहा है कि इतनी भीड़ इकठ्ठा कर ली जाये जो चुनावी हवा को पक्ष में बहाने के लिये कारगर साबित हो। यह ऐसा चुनाव है जिसमें जातीय समीकरण उलझकर रह गये हैं।इसी से हर प्रत्याशी  उलझन में है। 

25 को ही  अमित शाह की भी जनसभा उरई में है।भीड़ को लेकर भाजपा पर भी दबाव है।राजनाथ सिंह की सभा में ज्यादा संख्या में लोगों के न आने के कारण भाजपा का अस्तित्त्व अब दांव पर लग चुका है।

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