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मंगलवार, 7 मई 2019

सरकार और प्रशासन बनी मूर्खदर्शक अपराधियों के हौसले बुलंद पत्रकारों पर आए दिन होते हैं जानलेवा हमला।#Public Statement


(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज से वीरेंद्र शर्मा की रिपोर्ट)07/05/19 कानपुर: थाना काकादेव के अंतर्गत सटोरियो का आतंक तो सर चढ़ के बोल रहा है सूत्रों के माने तो काकादेव पुलिस अपराधियो को आये दिन अपने थाने  से बढ़ावा दे रखे है और बताया जा रहा है कि काकादेव थाने में 25000 रुपया हर महीने दिया जाता हैं अपराधियों का तो यह बोलबाला है की पुलिस क्या कर लेगी, आप जैसे तो पत्रकार हमने बहुत देखे हैं

 जो पत्रकार रात दिन अपनी ज़िंदगी दाव पे लगा के समाज की सेवा में रहता है।और आज की ताजी बात तो यह है की आज सटोरियो के हाथ इतने खुल गए है की आए दिन अब पत्रकारों पर हमला होने लगा है और अपराधी ने पुलिस की सह पर आज पत्रकार के ऊपर जानलेवा हमला किया है। 8 से 10 लोगो ने पीड़ित पत्रकार  गौरव राजपूत को मारा और पीड़ित का कैमरा तोड़ दिया, कैमरे में पड़ी मेमोरी कार्ड भी  ले ली और कपड़े भी फाड दिये सुधांश पाण्डेय जो कि बहुत बड़ा अपराधी है

पत्रकार को मारने पीटने के बाद काकादेव sho राजीव सिंह से पहले ही मिलकर तहरीर दे दी,और फिर मारपीट करते हुए बोला कि जो करना हो कर लो राजीव सिंह को तो हम भर पेट रुपया देता हूं वो क्या करेगा मेरा !समाज में असहाय लोगों की सेवा करने वाले और अपने जान पर  खेलने वाले पत्रकारों की आज सरकार और प्रशासन कोई भी मदद नहीं करता है और ना ही कर रहा है।जिसके कारण अपराधियों के हाथ इतने खुले हुए है की वह जब चाहें और जिसे चाहें खुलेआम उन पर जानलेवा हमला कर देते है।

और पुलिस प्रशासन की भी जेबें इतनी गर्म कर देते है की फिर तो अपने आप को राजा समझने लगते हैं।और खुद ही कहते है की पुलिस को इतना रूपया दे दिया हैं पुलिस खुद अपाहिज हो गई है वो क्या करेंगें।और अपनी छाती चौड़ी करके अपराध को अंजाम देते है।जिसमें बराबर की हिस्सेदारी होती है पुलिस प्रशासन की।

 हम पूछते है! सरकार से की आम जनता की तरह जीवन यापन करने वाले पत्रकार जो आम जनता की सेवा के लिये तत्पर रहता है क्या? उन पत्रकारों के लिए उनकी सुरक्षा के लिए कुछ नही सोचना चाहिए।सरकार तो पुलिस को इतनी सुविधाएं देती हैं फिर भी पुलिस का पेट नही भरता है

 आपको बता दें कि हाल ही में एक ऐसी घटना कानपुर के उरई जालौन में घटित हुई थी जिसमें एक पत्रकार पर कुछ अपराधियों ने उन पर एसिड फेंक कर जानलेवा हमला किया था और आज भी पीड़ित पत्रकार एसिड अटैक से घायल अस्पताल में पड़ा है। और यह कोई पत्रकारों पर पहली घटना नहीं है ऐसे कई जानलेवा हमलो से  कई बार  बहुत से  पत्रकारों को  अपनी जान से भी  हाथ धोना पड़ गया है कोई भी मामला हो लीगल या अनलीगल हो सब काम थाने से ही निपट जाते हैं रुपया दो काम हो जायेगा।देश में भ्रष्टाचार लाने वाले तो यही है।जो भारत में ही रह कर अपराधी व अपराध को बढ़ावा देते है।क्या यही है देश की नीति। 

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