विष्णु चंसौलिया।
उरई (जालौन) बुन्देलखण्ड के जिला जालौन मे इस माह पचास फीसदी से भी कम वर्षा के कारण यहां का किसान खरीफ फसल को लेकर चिंतित है। इस माह हुई कम वर्षा से सूखे के आसार बनते दिखाई दे रहे हैं।
प्रशासन के आंकड़ों की माने तो पिछले साल 63.87 प्रतिशत जून में हुई वर्षाके अपेक्षा इस बार जून में मात्र 35 प्रतिशत वर्षा हुई है जो नाकाफी साबित हो रही है। यहाँ का किसान जून में होने वाली वर्षा से खरीफ की फसल उड़द ,मूंग, ज्वार, बाजरा तिल आदि की बुवाई की तैयारी करता है। किन्तु इस माह इन्द्र देव ने किसान की आशाओं पर पानी फेर दिया है।
ऐसी स्थिति में यहाँ का किसान पूरी तरह बर्बादी की स्थिति की ओर पहुंच रहा है। कई किसानों का तो यहाँ तक कहना है कि यदि अच्छी वर्षा नहीं हुई तो हमारी खरीफ फसल के साथ रबी सीजन की फसलें बर्बाद हो जाएंगी। हालांकि 2005 औसतन वारिस हुई थी। किन्तु 2013 मे 1100 एम एम वर्षा हुई थी। यहाँ का किसान खरीफ की फसल को नकद आमदनी मानता है क्योंकि इसमें कोई खास लागत नहीं आती और इसकी आमदनी से वह रबी की फसल आसानी से तैयार कर लेता है।
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